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सरकार नहीं दे 50 फीसदी से अधिक आरक्षण, हाईकोर्ट के आदेश पर रोक
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से गुर्जर सहित पांच जातियों को अलग से पांच फीसदी आरक्षण देकर ओबीसी आरक्षण को 21 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी करने वाले ओबीसी आरक्षण बिल-2017 की क्रियान्विति पर हाईकोर्ट की ओर से रोक लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि हाईकोर्ट को विधायिका की प्रक्रिया को रोकने का अधिकार नहीं है। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार इस प्रकरण में लंबित याचिका के निर्णय तय राज्य में पचास फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दे। अदालत ने हाईकोर्ट को प्रकरण का जल्द निस्तारण करने को भी कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए। एसएलपी में हाईकोर्ट के 9 नवंबर को ओबीसी बिल-2017 की क्रियान्विति पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि हाईकोर्ट को विधायिका की कार्रवाई व प्रक्रिया में दखल करने का अधिकार नहीं है। राज्य सरकार ने केवल बिल पारित किया है और वह अभी तक कानून नहीं बना है। ऐसे में हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। हाईकोर्ट के आदेश के कारण राज्य सरकार नोटिफिकेशन जारी नहीं कर पा रही है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गत 9 नवंबर को गंगासहाय शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ओबीसी बिल-2017 की क्रियान्विती पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया था कि बिल के जरिए ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर 21 से 26 फीसदी किया गया है। जिससे कुल आरक्षण 54 फीसदी हो गया है। जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करता है।

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