-लाडनूं में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक
नागौर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि जब तक हम नागौर जिले की पेयजल की फ्लोराइड समस्या को दूर नहीं कर देंगे तब तक हमारे प्रयास इसी गति से जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह नागौर जिले के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने टीम भावना के साथ लगातार मेहनत कर जायल, डीडवाना, मकराना और लाडनूं में लिफ्ट कैनाल का पानी पहुंचाने का काम किया है, उसी तरह हमें आगे भी शेष जिले को फ्लोराइड मुक्त पानी मुहैया कराने के लिए मिशन मोड में काम करना है। राजे गुरूवार को लाडनूं के जैन विश्व भारती संस्थान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रही थीं।
जिले के विधायकों ने पेयजल समस्या के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सतत माॅनीटरिंग के साथ जल्द ही नागौर लिफ्ट पेयजल परियोजना का शेष काम भी पूरा किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना की पाइप लाइन से जिलेभर में शुद्ध पेयजल की मैकेनाइज्ड प्लानिंग तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इस प्लानिंग के अनुसार ही पेयजल वितरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस वितरण प्रणाली में किसी भी स्तर पर लीकेज की समस्या नहीं होनी चाहिए।राजे ने कहा कि सभी नगरीय निकायों में कचरे के आधुनिक तकनीक से निस्तारण के विकल्पों पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि बायो वेस्ट डिस्पोजल की इकाईयां शुरू करने के काम में भी तेजी लाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जायल क्षेत्र में नहरी पेयजल का वितरण शुरू होने के बाद माता सुख परियोजना की वितरण प्रणाली को समाप्त करने की बजाय इसे विकल्प के रूप में बचाकर रखा जाए ताकि इससे मिलने वाला पानी कभी भी स्थानीय जरूरतों या उद्योगों के काम आ सके।जिले से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नागौर में लगने वाला पशु मेला जिले की पशुपालन आधारित अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण घटक है। इस मेले का आकार और वैभव बचाए रखने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्वच्छता, पाॅलिथीन रोकथाम, राजस्व प्रकरण निस्तारण, फीडर सुधार तथा अमृृत मिशन सहित अन्य विकास कार्यों की भी समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।