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प्रताप नगर सर्किल पर राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बिल्डर सचिन जैन ने कोर्ट व बोर्ड को गुमराह करके बनाया कॉमर्शियल कॉम्पलैक्स। आवासीय प्रोजेक्ट पर बिना अनुमतिबना दी डेढ़ सौ दुकानें, सरकार को लाखों की चपत। जमीन आवंटन व मुआवजा की फाइल गायब होने से विवादों में है मामला

-राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की प्रताप नगर सर्किल पर बिना अनुमति अवैध कॉमर्शियल कॉम्पलैक्स खड़ा किया जा रहा है। करीब सवा सात सौ वर्गमीटर जमीन पर तीन मंजिला कॉम्पलैक्स बनाया जा रहा है, जिसमें करीब डेढ़ सौ दुकानें बनाई जा रही है। सौ दुकानों का निर्माण हो चुका है। बेसमेंट व दो मंजिला इमारत बन चुकी है। हाउसिंग बोर्ड की नाक के नीचे यह अवैध निर्माण हो रहा है, लेकिन ना तो बोर्ड के अफसर और ना ही स्थानीय अभियंता इस अवैध निर्माण को रोक रहे हैं। यह जमीन आवासीय प्रोजेक्ट के नाम पर है, लेकिन यहां व्यावसायिक इमारत बना दी गई है। वो भी बोर्ड की अनुमति के बिना। ना पार्किंग छोड़ी गई है और ना ही सैटबेक। बिल्डर कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए निर्माण कार्य होना बता रहे हैं, जबकि कोर्ट ने ऐसा कुछ नहीं कहा है। हाउसिंग बोर्ड के अफसरों व अभियंताओं की मिलीभगत के तेजी से अवैध इमारत खड़ी की जा रही है। बिना नक्शे बिल्डिंग बनाने से बोर्ड को तो लाखों रुपए की टैक्स की चपत लगी है वहीं सेटबैक और पार्किंग नहीं छोड?े से प्रताप नगर की सबसे व्यस्तम प्रताप नगर एनआरआई सर्किल पर यातायात बाधित होना तय है। यह जमीन दी राजहंस कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड को आवंटित हुई थी। मालवीय नगर में सड़क के लिए सोसायटी की जमीन जेडीए ने अवाप्त की थी। फिर इस सोसायटी ने यह जमीन बिल्डर सचिन जैन व अन्य को बेच दी। जमीन आवासीय प्रोजेक्ट के लिए तय है, लेकिन मिलीभगत के चलते इसे कॉमर्शियल बिल्डिंग में तब्दील कर दिया गया है। इन खेलों के कारण हाउसिंग बोर्ड सरकार के निशाने पर रहा। पांच साल में एक भी आवासीय प्रोजेक्ट नहीं ला सका और सरकार ने बोर्ड को बंद करने की तैयारी कर ली थी और बोर्ड घाटे में आ गया। अफसरों के इन गलत फैसलों व निजी स्वार्थों के कारण अंधा पीसै,कुत्ता खाए वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

सबको दिख रहा है अवैध निर्माण, कमीशन के फेर में आंखें मूंदी अफसरों ने
एनआरआई सर्किल पर हो रहे अवैध कॉमर्शियल निर्माण के बारे में हाऊसिंग बोर्ड के सचिव आशीष कुमार, संबंधित जोन अभियंता व विजीलैंस को भी इसकी जानकारी है। मीडिया में इनके स्टेटमेंट भी आ चुके हैं, लेकिन मोटी रकम की बंदरबांट के चलते अफसरों ने आंखें मूंदी हुई है। स्थानीय जनप्रतिनिधि पार्षद व विधायक भी शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

जेडीए ने भूमि अवाप्त की, मुआवजा दे रहा है हाउसिंग बोर्ड
प्रताप नगर आरएनआई सर्किल पर 728वर्गमीटर जमीन के आवंटन में बड़ा खेल हुआ है। यह जमीन बोर्ड के पास अवाप्त योजना के खातेदारों को मुआवजा देने के लिए आरक्षित थी। इस जमीन को किसी अन्य को आवंटित नहीं किया जा सकता था। बोर्ड के अधिकारियों ने इस जमीन को फर्जी तरीके से द राजहंस कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड को आवंटित कर दिया। जिसके हाउसिंग बोर्ड से कोई लेना देना नहीं था। इस जमीन को हथियाने के लिए सारे गैरकानूनी दांव पेच इस्तेमाल में लिए गए। फर्जी आवंटन में मजेदार तथ्य यह है कि 728 वर्गमीटर जमीन जेडीए ने मालवीय नगर आवासीय योजना में सड़क बनाने के लिए राजहंस सोसायटी की जमीन अवाप्त की थी। बदले में मुआवजा भी जेडीए को ही देना था, लेकिन हाउसिंग बोर्ड ने फर्जी तरीके से इस बेशकीमती जमीन का आवंटन सोसायटी को कर दिया। बोर्ड के अफसरों ने सालों पहले कौडि?ों की जमीन अवाप्त कर बदले में बेशकीमती जमीन सोसाइटी को आवंटित कर दी। इस जमीन के बाजार भाव एक लाख रुपए वर्गमीटर से अधिक बताए जाते हैं।

फाइल ही गायब कर दी….
यह फजीर्वाड़ा पकड़ में नहीं आ पाए तो बोर्ड के अफसरों व अभियंताओं ने आवंटन व मुआवजे से जुड़ी फाइल को गायब कर दिया। फाइल गायब होने की सूचना होने पर भी अभी तक पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई है। फिर सोसाइटी ने इस जमीन को मोटे मुनाफे में बिल्डर सचिन जैन को बेचान कर दिया बताते हैं। बिल्डर ने भी नियमों को धत्ता बताते हुए इस आवासीय जमीन का भू उपयोग चेंज कराए बिना ही यहाँ 150 दुकानों का कॉम्प्लेक्स अवैध तरीके से खड़ा कर लिया। काफी दुकानें भी बेच डाली है, जिससे सरकार को लाखों रुपए के टैक्स का नुकसान हुआ है। गलत आवंटन का मामला चार साल पहले बोर्ड की मीटिंग में सामने आया था। आवंटन निरस्त होता इससे पहले सोसायटी व बिल्डर को सूचना मिल गई और उन्होंने जमीन पर यथास्थिति के आदेश ले रखे हैं।

एसीबी, लोकायुक्त में शिकायत
गलत तरीके हुए हुए मुआवजा आवंटन और बिना अनुमति कॉमर्शियल इमारत खड़ी करने की शिकायतें एसीबी और लोकायुक्त राजस्थान को की गई है। दोनों संस्थाओं ने इस मामले की फाइल तलब कर रखी है। आरटीसाई में हाऊसिंग बोर्ड सूचनाएं देने से बच रहा है। उधर, कोर्ट को गुमराह करके और हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों से मिलीभगत करके बना दिए अवैध कॉमर्शियल इमारत को सील और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए धरोहर बचाओ समिति राजस्थान ने राजस्थान हाउसिंग के सचिव के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय, यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी व यूडीएच सेक्रेटरी को लिखित शिकायत दी है। साथ ही कोर्ट में चल रहे इस मामले में पार्टी बनकर कोर्ट को हकीकत से अवगत कराया जाएगा।

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