पुलिस और रीको के अधिकारियों के संरक्षण में अवैध कॉलोनी-गोदाम
जयुपर। जयपुर के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में बेशकीमती 140 बीघा भूमि पर रीको और पुलिस की कथित मिलीभगत से भू-माफियाओं की ओर से अवैध कॉलोनी की बसावट की जा रही है। भूमाफियाओं ने सैकड़ों फर्जी पट्टे भी काट दिए है और सरकारी जमीन पर गोदाम खड़े कर किराया वसूलना शुरू कर दिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सरंक्षण में यह अवैध कब्जे हो रहे है। इस मामले में भाजपा के कुछ पदाधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे है।
विश्वकर्मा के बीड़ पापड़ के खसरा नंबर 14 में करीब 140 बीघा भूमि भी उद्योग विभाग ने अवाप्त की थी, लेकिन विभाग और रीको विश्वकर्मा औद्योगिक इकाई ने इस बेशकीमती जमीन की कभी सुध नहीं ली। जिसके चलते इस बेशकीमती जमीन पर भू-माफियाओं ने नजरें गड़ा दी है। करीब पचास साल से रीको औद्योगिक कार्यालय की नाक के नीचे इस 140 बीघा भूमि पर भू-माफिया अवैध कब्जे में लगे हुए हैं। कुछ महीनों से रसूखधार भू-माफियाओं ने विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र के नारायण विहार और मल्होत्रा नगर के बीच स्थित बीड़ पापड़ की इस 140 बीघा भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाना शुरु कर दिया है।
-दो हजार करोड़ से अधिक की है सम्पत्ति
विश्वकर्मा औद्योगिक व विद्याधर नगर के बीच स्थित बीड़ पापड़ में करीब पचास हजार रुपए वर्गगज के भाव है। उस हिसाब से उद्योग विभाग की इस जमीन की कीमत करीब दो हजार करोड़ बताई जा रही है। इस बेशकीमती कॉमर्शियल लैण्ड पर भू-माफिया यहां नृसिंहपुरी गृह निर्माण सोसायटी की ओर से फर्जी पट्टे काटना बताया जा रहा है और नानू एनक्लेव के नाम से अवैध कॉलोनी बसाना शुरु कर दिया है। इस सोसायटी के पदाधिकारी पूर्व में भी अवैध पट्टों के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। सोसायटी नानू एंकलेव के नाम से अभी तक सैकड़ों पट्टे काट चुकी है, जिससे यहां अवैध तरीके से मकान, गोदाम व दुकानें भी बननी शुरु हो गई है। नृसिंहपुरी गृह निर्माण सोसायटी के पास जमीन के कोई दस्तावेज नहीं है। फर्जी दस्तावेज के आधार पर सरकारी जमीन को खरीद बताकर जनता को गुमराह करके अवैध तरीके से कॉलोनी बसाकर भूखण्ड बेचे जा रहे हैं। जयपुर की जनता को गुमराह करके भू-माफिया हजारों करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में लगे हुए हैं। जबकि अवाप्तशुदा कॉमर्शियल औद्योगिक क्षेत्र में कॉलोनी नहीं बस सकती। इस आपराधिक कृत्य में सोसायटी के पदाधिकारी समेत अन्य लोग शामिल है। कुछ सफेदपोश राजनेता व बिजनेसमैन भी सरकारी जमीन को खुर्द-बुर्द करने के इस कृत्य में लिप्त है, जो अपने रसूखों से सरकारी भूमि पर अवैध कॉलोनी बसा रहे हैं और कोई शिकायत होने पर कार्रवाई नहीं होने दे रहे हैं।
-जेडीए ने भी मूंदी आंखें
इसमें रीको, विश्वकर्मा थाना और जिला प्रशासन के कुछ अफसर व कर्मचारी भी लिप्त है, जिनके नाम जांच होने पर सामने आ जाएंगे। इसी औद्योगिक क्षेत्र के बीड़ पापड़ के खसरा नंबर 15/1 भी जेडीए के नाम दर्ज है, लेकिन इस भूमि पर अवैध तरीके से गोदाम बने हुए हैं, जिन्हें हटाया नहीं जा रहा है। कब्जेधारी लाखों रुपया का किराया खा रहे हैं, लेकिन जेडीए के अफसर आंखें मूंदें हुए हैं। सैकड़ों लोगों को कबाड़ी व दूसरी दुकानों के लिए जगह दे रखी है, जिनसे हर महीने बीस से पच्चीस लाख रुपया का किराया भू-माफिया खा रहे हैं। रीको और स्थानीय विश्वकर्मा थाना पुलिस की मिलीभगत से इस जमीन पर न केवल कब्जा हो रहा है, बल्कि शिकायत करने वालों जागरुक नागरिकों के नाम उजागर करके सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भू-माफियाओं द्वारा धमकाया भी जा रहा है। उन्हें झूठे केस में फंसाने और जानलेवा हमले की धमकियां भी दी जा रही है। सोसायटी के पदाधिकारी व उनके गुंडे मारपीट भी कर चुके हैं, जिनकी शिकायतें भी है।
-मुख्यमंत्री और एसओजी को भी शिकायत
धरोहर बचाओं समिति के अध्यक्ष्र राकेश कुमार शर्मा की ओर से इस बेशकिमती जमीन को बचाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,डीजीपी राजस्थान,एसओजी,रीको चैयरमेन आदि को शिकायत की जा चुकी है। शिकायत में उद्योग विभाग की बेशकीमती 140 बीघा भूमि पर बसाई जा रही अवैध कॉलोनी, गोदामों, दुकानों व दूसरे अतिक्रमण को हटाने और इस भूमि को सरकार के कब्जे में लेने के लिए लिखा गया है। साथ ही सरकारी भूमि का बेचान करने वाले नृसिंहपुरी गृह निर्माण सोसायटी के पदाधिकारियों, भू-माफियाओं के साथ इस गोरखधंधे में लिप्त रीको-पुलिस के अफसरों व कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में अमल लेने की मांग की गई है।