जयपुर। श्तीन दषक पूर्ण कैंसर उपचार में शल्य चिकित्सा को ही उपचार की प्रमुख विधा माना जाता था, बाद में किमो और रेडिएषन थैरेपी उपचार में शामिल हुए और रोगी को सम्पूर्ण विधाओं से उपचार मिलने लगा। आज सम्पूर्ण विधा के साथ रोगियों को एडवांस ट्रीटमेंट मिल रहा है।
टारगेट और इम्यूनो थैरेपी के जरिए उपचार के दुष्प्रभावों को कम करके रोगियों को सामान्य जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। मुझे खुषी है कि आज राजस्थान में भी कैंसर के उपचार की सभी नवीनतम सुविधाएं मौजूद है।श् यह कहना है पद्म भूषण डॉ एस एच अडवानी का। मुम्बई के डॉ अडवानी रविवार को भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में शहर के कैंसर रोग विषेषज्ञों से रूबरू हुए। इस मौके पर उन्होंने कैंसर के उपचार में आ रहे नए आयामों और चुनौतियों पर चर्चा की।
-जीन एनालिसिस के जरिए प्रभावी हुआ उपचार
डॉ अडवानी ने कहा कि आज कैंसर निदान जीन एनालिसिस के जरिए किया जा रहा है। ऐसे में हर रोगी का उपचार उसके जीन के आधार पर अलग-अलग दिया जाता है। इससे रोगी के कैंसर मुक्त होने की संख्या में भी इजाफा हुआ है। डॉ अडवानी ने बताया कि गलत जीवनषैली और प्रदुषण के कारण कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ रही है। ऐसे में डॉक्टर की जिम्मेदारी है कि वह रोगी को श्रेष्ठ उपचार देने के साथ ही उसके मन को समझे। डॉ अडवानी ने चिकित्सकों को बताया कि किस तरह उन्हें रोगी के व्यवहार करके उन्हें बेहतर उपचार प्रदान करना चाहिए।
-आज की जरूरत है रोबोटिक सर्जरी
डॉ अडवानी ने बताया कि कैंसर टीटमेंट में रोबोटिक सर्जरी की भूमिका सर्जन और पेषेंट दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। रोबोटिक सर्जरी के जरिए जहां टयूमर काफी साफ नजर आता है और खून के कम स्त्राव से भी सर्जरी को किया जा सकता है। वहीं पेषेंट भी सर्जरी के बाद जल्द ही सामान्य जीवन पूरी तरह से शुरू करने की स्थिति में आ जाता है। डॉ अडवानी ने नवीतनम उपचार पद्वती के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब देष में प्रोटोन थैरेपी के शुरू होने का इंतजार जो वर्तमान में सिर्फ जर्मनी और यूएस में है।
योगदान और सेवाओं के लिए दिया सम्मान
कैंसर चिकित्सा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने और महत्पूर्ण योगदान के लिए डॉ अडवानी को कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया। इस मौके पर चिकित्सालय के चिकित्सालय के अध्यक्ष श्री नवरतन काठोरी, प्रबंधन्यासी श्री विमलचंद सुराणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिला कोठारी, कोषाध्यक्ष डॉ प्रेमसिंह लोढा, अधिषाषी निदेषक मेजर जनरल एस सी पारीक (सेवानिवृत्ति), चिकित्सा निदेषक डॉ अतुल अडानिया सहित कई वरिष्ठ कैंसर रोग विषेषज्ञ मौजूद थें। गौरतलब है कि डॉ अडवानी को भारत सरकार की ओर से 2002 में श्पद्मश्रीश्, 2012 में श्पद्म भूषणश्से सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही इन्हें हार्वर्ड मेडिकल इंटरनेषनल की ओर से कैंसर चिकित्सा क्षेत्र में श्लाइफ टाइम अचिवमेंट अवॉर्डश्, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से श्डॉ बीसी रॉय नेषनल अवॉर्डश्श् के साथ ही श्राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवॉर्डश् और श्धंनवतरी अवॉर्डश् से भी सम्मानित किया जा चुका है