Rs. 320 crore fund for helping start-up companies in oil and gas sector

नयी दिल्ली । देश में नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने के इरादे से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाले 10 सार्वजनिक उपक्रमों ने तेल एवं गैस क्षेत्र में स्टार्ट-अप की मदद के लिये 320 करोड़ रुपये के कोष का आज गठन किया। यह कोष तीन साल की अवधि के लिये बनाया गया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने तेल एवं गैस क्षेत्र में उद्यमियों के लिये स्टार्ट-अप कार्यक्रम की शुरूआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सरकार नवप्रवर्तन और स्टार्ट-अप को बढ़ावा दे रही है और यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है।

उन्होंने कहा, ‘‘तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों की यह पहल उनकी कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) का हिस्सा नहीं है बल्कि यह व्यापारिक गतिविधि है। इसमें ऐसी भी संभावना है कि किसी स्टार्ट-अप कंपनी का कारोबार आने वाले समय में ओएनजीसी के खाते से भी ऊपर पहुंच जाये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश को आगे बढ़ाने और रोजगार के नये अवसर सृजन करने के लिये हमने नौजवानों पर भरोसा किया है।’’ कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे प्रधान ने इस मौके पर राम श्री राम का भी नाम लेते हुए कहा, ‘‘उन्होंने दो नौजवानों के प्रस्तावों पर भरोसा नहीं किया होता तो आज गूगल नहीं होता।

’’ उल्लेखनीय है कि कवितार्क राम श्री राम भारत में जन्में अमेरिकी कारोबारी हैं जिन्होंने सबसे पहले गूगल में निवेश किया और उसके संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। तेल एवं गैस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए प्रधान ने कहा, ‘‘भारत में इस क्षेत्र में अगले 10 साल में 300 अरब डालर के निवेश की संभावना है। देश पेट्रोलियम क्षेत्र की अपनी कुल तेल जरूरत का 80 प्रतिशत से अधिक आयात करता है और इस पर सात लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब अगर नवप्रवर्तन के प्रयासों से इसमें एक लाख करोड़ रुपये की भी कमी आ जाए तो हम गांव में सड़क, स्वास्थ्य सुविधाएं, पीने का पानी जैसे बुनियादी सुविधाओं का विस्तार कर सकते हैं।’’ इस मौके पर औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक, पेट्रोलियम सचिव के डी त्रिपाठी और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी अपनी बातें रखी। कुल तीस स्टार्ट-अप कंपनियों के साथ इंडिन आयल कारपोरेशन, गेल, ओएनजीसी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, ईआईएल, आयल इंडिया लि., एनआरएल और भारत पेट्रोलियम, बॉमर लॉरी और एमआरपीएल ने एमओयू का आदान प्रदान किये। इन कंपनियों ने तीन साल की अवधि के लिये 320 करोड़ रुपये का कोष बनाया है।

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