नयी दिल्ली/अजमेर । केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली अजमेर दरगाह कमेटी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर ‘सद्भावना मंडप’ नाम से एक सामुदायिक भवन के निर्माण की योजना बनाई है जिसका मकसद न सिर्फ विभिन्न धर्मों-समुदाय के लोगों के वैवाहिक एवं सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करना है, बल्कि इसके जरिए ‘सामाजिक सौहार्द एवं भाईचारे’ का संदेश भी देना है। दरगाह कमेटी ने इस भवन के निर्माण के प्रस्ताव का एक मसौदा दरगाह के नाजिम के जरिए पिछले दिनों अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के पास भेजा। यह ‘सद्भावना मंडप’ अजमेर के कायर इलाके में बनाए जाने की योजना है जहां दरगाह कमेटी का 110 एकड़ भूखंड है।
गौरतलब है कि यह इलाका दरगाह से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है और यहां कुछ वर्ष पहले संप्रग शासनकाल में ख्वाजा गरीब नवाज विश्वविद्यालय के निर्माण का एलान भी किया गया था। यह योजना अभी मूर्त रूप नहीं ले पाई है। एक सूत्र ने बताया, ‘‘दरगाह कमेटी ने सद्भावना मंडप से जुड़ा एक प्रस्ताव हाल ही में मंत्री के पास के भेजा और इस पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है।’’ अजमेर दरगाह कमेटी के अध्यक्ष शेख अलीम ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘हम दरगाह से कुछ दूरी पर हम सद्भावना मंडप बनाने जा रहे हैं। जहां लोग हर धर्म और समुदाय के लोग वहां अपने कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं। इस मंडप का मकसद सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश देना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सद्भावना मंडप की सोच मुख्तार अब्बास नकवी की है। उनकी सोच के आधार पर हमने इसका प्रस्ताव तैयार किया है।’’ अलीम ने कहा कि प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद इस ‘सद्भावना मंडप’ का छह महीने के भीतर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत दरगाह कमेटी करीब 250 शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है।