रोहतक। सीबीआई कोर्ट पंचकूला की ओर से साध्वी दुष्कर्म केस में बाबा राम रहीम को दस-दस साल की सजा सुनाए जाने के बाद तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। देश के प्रमुख साधु-संतों ने कोर्ट के फैसले को सही करार दिया है तो राजनीतिक दलों ने इसका स्वागत किया है। बाबा राम रहीम को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले एक पीडिता की बहन का बयान मीडिया में आया है। उनसे बयान दिया है कि कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। राम रहीम को उसकी करनी का फल मिल गया है।
उसने बयान दिया कि जब से उन्होंने शिकायत की है, तब से खौफ के साये में जी रहे हैं। पूरा परिवार खौफ में रहा। न जाने कब क्या हो जाए, यह डर सताता रहता था। सोमवार को कोर्ट के फैसले से हिम्मत मिली है और चैन भी मिला कि राम रहीम को उसकी करनी भुगतने के लिए अब जेल में ही रहना होगा। उसने बताया कि वह डेरे के स्कूल में पढ़ाती थी। 1999 में पता चला कि बाबा राम रहीम बच्चियों से गलत काम करता है। गुफा में लड़कियों ही ड्यूटी पर रखी जाती थी। मैंने देखा कि दो लड़कियां गुफा से रोती हुई निकली। उसने मुझ पर भी गलत नजर डाली। जब मैंने पूरी बात परिवार को बताई तो वे भी सदमे में आ गए। यह बात पता चलने पर हमें डेरे से घर भेज दिया। हालांकि हम घर बैठकर चुप नहीं बैठे। मेरी बहन के साथ भी बाबा राम रहीम ने बुरा बर्ताव किया। हमनें पंजाब हाईकोर्ट, पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिखकर बाबा राम रहीम और डेरे में चल रही करतूतों के बारे में बताया। कोर्ट ने सीबीआई जांच करवाई, जिसकी बदौलत आज बाबा राम रहीम जेल में है।