जयपुर। चूरू के मालासर गांव में एनकाउंटर के दौरान मारे गए गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सांवराद गांव में आयोजित सभा के बाद मचे उपद्रव में मौत का शिकार हुए लालचंद शर्मा का मामला गहरा गया है। इसके पीछे वजह यह उभर रही है कि पुलिस को लालचंद के परिजन अभी तक नहीं मिले हैं।
जिससे एसएमएस अस्पताल में रखे उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहा है। हालांकि लालचंद के परिजनों को तलाशने के लिए नागौर पुलिस रोहतक गई थी, लेकिन वो खाली हाथ ही लौट आई। ऐसे में अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर मरने से पहले उसने अपना नाम और पता जो बताया, वो आखिर सही था या नहीं।
बता दें सांवराद में मचे उपद्रव के दौरान लालचंद गंभीर रुप से घायल हो गया था। जहां उसे उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। उस दौरान उसने अपना नाम लालचंद व पिता का नाम मोहन लाल बताते हुए खुद को रोहतक निवासी बताया था। यहां लालचंद की हालत बिगड़ी तो उसे जयपुर रैफर कर दिया गया। रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।
-नहीं पाई तस्दीक, जारी किए गए पोस्टर
इधर लालचंद के दम तोडऩे से पहले उसने अपने परिवार जनों का जो पता बताया। वहां उनका कोई पता नहीं लग पाया। नागौर से रोहतक गई पुलिस खुद बैरंग ही लौट आई। ऐसे में पुलिस को अब उसके परिजनों की तलाश के लिए पोस्टर का सहारा लिया है। पुलिस ने लालचंद के पोस्टर जारी किए हैं। जिन्हें हरियाणा भी भेजा गया है।
-कफ्र्यू में ढील की बढ़ी मियाद
उधर सांवराद में जारी कफ्र्यू हालांकि बरकरार है। फिर भी प्रशासन ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था को बहाल होते देख राहत की सांस ली है। यही वजह रही कि पहले जहां प्रशासन ने कफ्र्यू में दो घंटे की ढील थी। अब उसे धीरे धीरे बढ़ाते हुए 7 घंटे कर दिया है। सांवराद में अब सुबह 8 से 11 व शाम 4 से रात 8 बजे तक कफ्र्यू में ढील दी गई। हालांकि गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।