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जयपुर। शहर के बनीपार्क स्थित संगम सागर आवासीय अपार्टमेंट में अवैध कॉमर्शियल कारखाने के मामले में आज राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जयपुर नगर निगम व दूसरे विभागों की ओर से जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और आगामी तारीख पर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। मामले में अगली तारीख पेशी पन्द्रह नवंबर है। हाईकोर्ट ने इस मामले में नगर निगम, जिला कलक्टर जयपुर, प्रदूषण नियंत्रमण मण्डल और राज्य सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा रखा है।

न्यायाधीश वीएस सिराधना की कोर्ट में राज्य सरकार के अधिवक्ताओं से जवाब पूछा कि पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा विभाग की ओर से अवैध कारखाने पर कार्यवाही करने के लिए जिला कलक्टर जयपुर को नोटिस दिया था। प्रदूषण नियंत्रण मंडल जयपुर ने भी कारखाना को ऑरेंज केटेगरी का मानते हुए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें कारखाना के पानी बिजली कनेक्शन कटवाने के लिए लिखा है। इसके बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और ना ही जवाब दे रहे हैं। कोर्ट ने जवाब नहीं देने पर नाराजगी जाहिर करते हुए आगामी तारीख पर आवश्यक रूप से जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

संगम सागर अपार्टमेंट विकास समिति के सचिव प्रताप सिंह शेखावत ने याचिका में बताया कि संगम सागर अपार्टमेंट में अवैध तरीके से चांदी गलाने का कारखाना बना हुआ है, जहां दर्जनों सिलेण्डर लगे हुए हैं, जो दिन-रात चांदी गलाकर जेवरात बनाने के काम में लगे रहते हैं। इससे अपार्टमेंट में रहने वाले दर्जनों परिवारों को सुख-चैन छीन गया। सांसों में जहरीली गैंसे जाने से लोगों के बीमारी होने का अंदेशा है तो सिलेण्डरों से कभी भी बड़ा हादसा होने का डर हमेशा लगा रहता है। विद्याधर नगर, बनीपार्क और परकोटे में ऐसी ही अवैध कारखाने से जान-माल का बहुत नुकसान पहले हो चुका है। याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रताप सिंह ने बताया कि अवैध कारखाने से कभी भी बड़ा जानलेवा हादसा हो सकता है। शिकायत करने के पर भी जिला कलक्टर, नगर निगम, प्रदूषण बोर्ड, जयपुर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है, बल्कि अवैध कारखाना संचालक से मिलीभगत करके इस अवैध कारखाने को मंजूरी नाजायज तरीके से अनुमति दे रखी है। शिकायतकर्ताओं पर झूठे मामले दर्ज करवाने और हमले की धमकियां दी जाती है। सोसाइटी की ओर से पैरवी एडवोकेट नरेंद्र पारीक ने की।

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