जयपुर। पूरे उत्तर भारत में विवादों में आई पद्यावत फिल्म के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली राजस्थान के डीडवाना थाने में दर्ज एक आपराधिक मामले में फंस सकते हैं। यह मामला पद्यावत फिल्म से जुड़ा है। फिल्म से धार्मिक भावनाएं आहत होने को लेकर मामला दर्ज करवाया हुआ है। इस मामले को संजय लीला भंसाली ने रद्द करवाने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में याचिका लगाई गई है। इस याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस संदीप मेहता ने फिल्म देखे जाने की मंशा जाहिर की तो संजय लीला भंसाली को होश उड़ गए हैं। भंसाली को डर है कि अगर कोर्ट को लग गया कि इस फिल्म से धार्मिक भावनाओं को नुकसान पहुंचाने संबंधी दृश्य है तो कोर्ट फिल्म को लेकर कोई फैसला ले सकती है और भंसाली की याचिका को खारिज किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो भंसाली पर आपराधिक मुकदमा शुरु हो जाएगा। हालांकि इस मामले में आज हाईकोर्ट जोधपुर में सुनवाई है।
फिल्म देखे जाने या नहीं देखे जाने को लेकर कोर्ट में चर्चा हो सकती है और फैसला भी। संजय लीला भंसाली ने आपराधिक मुकदमे को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। पिछली तारीख पर कोर्ट और रिपोर्टकर्ता के वकीलों ने इस फिल्म को दिखाए जाने की मंशा जाहिर की थी। उनका तर्क था कि जब तक फिल्म नहीं देखी जाएगी, तब तक यह पता नहीं चल सकता है कि धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती है या नहीं। डीडवाना थाने में मामला दर्ज है कि पद्यावत फिल्म में रानी पदमनी और अलाउद्दीन खिलजी के प्रेम-प्रसंग के दृश्य फिल्माए है, जबकि इतिहास में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। इस फिल्म को दिखाया जाएगा तो लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती है। फिल्म को बैन करने को लेकर हिन्दू समाज आंदोलित है। प्राथमिकी में संजय लीला भंसाली, दीपिका पादुकोण, रणबीर सिंह व अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है।