Sanskrit language, Ashok Gehlot

कई अन्य भाषाओं की जननी है संस्कृत-मुख्यमंत्री
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संस्कृत भाषा ने सदियों से भारत की महान परम्पराओं को पोषित एवं सुदृढ़ किया है। यह भाषा कई अन्य देशी-विदेशी भाषाओं की जननी भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान में संस्कृत को समृद्ध बनाने के लिए भाषा विशेषज्ञों और साहित्यकारों की ओर से प्राप्त सुझावों को अमल में लाने का प्रयास करेगी।

गहलोत संस्कृत साहित्य सम्मेलन हीरक जयंती और राजस्थान शिक्षक प्रशिक्षण विद्यापीठ स्वर्ण जयंती के अवसर पर राजस्थान शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान, जयपुर में आयोजित 16वें राष्ट्रीय संस्कृत महाधिवेशन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं शिक्षाविद् डॉ. कर्ण सिंह मुख्य अतिथि थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में संस्कृत भाषा के प्रति सकारात्मक माहौल हमेशा रहा है और इस भाषा को हमारे प्रदेश में उचित सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि राजधानी जयपुर छोटी काशी के रूप में जानी जाती है। राजस्थान में संस्कृत के प्रचार-प्रसार हेतु संस्कृत शिक्षा निदेशालय के साथ-साथ अलग संस्कृत विश्वविद्यालय और संस्कृत एकेडमी स्थापित की गई, जो इस भाषा के उन्नयन के लिए कार्यरत हैं।

अधिवेशन में पहुंचने पर मुख्यमंत्री का मंत्रोच्चारण के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्री गहलोत ने राजस्थान शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के परिसर में चल रहे यज्ञ में आहुति दी। समारोह में डॉ. कर्ण सिंह को समर्पित ‘विद्यापीठ ग्रंथ’, श्री अशोक गहलोत को समर्पित ‘सम्मेलन ग्रंथ’ तथा डॉ. राजेन्द्र मोहन शर्मा द्वारा लिखित उपन्यास ‘विनायक सहस्र सिद्धम्’ का लोकार्पण किया गया।

इस दौरान कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, मुख्य सचेतक श्री महेश जोशी, पूर्व शिक्षामंत्री श्री ब्रजकिशोर शर्मा, अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. के.डी. त्रिपाठी, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.के. कोठारी, देश भर से आए संस्कृत के विद्वान तथा साहित्यकार, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY