नई दिल्ली। लगता राफेल सौदे पर केन्द्र सरकार पूरी तरह घिरती नजर आ रही है। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदे को लेकर लगातार अपने भाषणों से सुर्खियों में बने हुए हैं और सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैैं। वे अपनी किसी भी सभा में राफेल सौदे के बारे में बोलना नहीं भूलते लोगसभा में भी उन्होंने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मोदी सरकार से फ्रांस से खरीदे जा रहे राफेल विमान की कीमत संबंधित जानकारियां मांगी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सरकार 10 दिनों के भीतर एक सीलबंद कवर में कीमत संबंधित जानकारियां दे। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने फिर से यह स्पष्ट किया कि उसे राफेल सौदे से जुड़ी तकनीकी जानकारी नहीं चाहिए। अदालत ने केंद्र से कहा कि अगर विमान की कीमत विशिष्ट सूचना है और इसे साझा नहीं किया जा सकता है, तो इसके लिए ऐफिडेविट दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में तीन सदस्यी बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार इस डील को लेकर हुए लिए गए फैसलों की प्रक्रियाओं की जानकारी पब्लिक डोमेन में लेकर आए।
साथ ही सरकार को राहत भी दी कि गोपनीय और रणनीतिक महत्व वाली जानकारियों को बताने की जरूरत नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मौखिक तौर पर कहा कि अगर लड़ाकू विमान की कीमत विशिष्ट सूचना है और इसे साझा नहीं किया जा सकता है, तो इसपर हलफनामा दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट राफेल डील से संबंधित चार याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इसमें से एक ऐडवोकेट प्रशांत भूषण, पूर्व मंत्री अरुण शौरी व यशवंत सिन्हा की याचिका भी है। इसमें तीनों कोर्ट की मॉनिटरिंग में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि इसके लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पहले सीबीआई को अपना घर दुरुस्त कर लेने दीजिए। अटॉर्नी जनरल ने बेंच को बताया कि राफेल की कीमत विशिष्ट सूचना है और यहां तक कि इसे संसद में भी साझा नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट के सामने केंद्र की तरफ से पेश किए गए दस्तावेज आॅफिशल सिक्रिट्स ऐक्ट के तहत आते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि रणनीतिक और गोपनीय समझे जाने वाले दस्तावेजों को साझा नहीं किया जा सकता है। उसने केंद्र से अगले 10 दिन में भारत के आॅफसेट साझेदार की जानकारी सहित अन्य सूचनाएं मांगी हैं।