-सहीराम सैनी की शिकायत पर मावंडा आरएस ग्राम पंचायत की सरपंच सरिता देवी सैनी को सरपंच पद से हटाया
जयपुर। पंचायत चुनाव में आठवीं कक्षा की फर्जी अंकतालिका पेश करके सरपंच बनने वाली नीमकाथाना सीकर के मावंडा आरएस ग्राम पंचायत की सरपंच सरिता देवी सैनी को सरपंच पद गंवाना पड़ गया है। फर्जी दस्तावेज से अंकतालिका बनाने वाले इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को सरिता देवी को सरपंच पद से तुरंत हटाने को कहा है। न्यायाधीश आलोक शर्मा ने कहा कि सरिता देवी सैनी ने सरपंच बनने के लिए फर्जी अंकतालिका पेश की थी। ऐसे में वह सरपंच पद धारण करने की हकदार नहीं है। उसे इस पद से तत्काल हटाना चाहिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता मावंडा आरएस के सहीराम सैनी की याचिका पर ये आदेश दिए। सहीराम सैनी ने याचिका में बताया कि सरिता देवी ने सरपंच पद पर चुनाव लडऩे के लिए आठवीं कक्षा की फर्जी अंकतालिका बनाई, जबकि वह पढ़ी लिखी नहीं थी। फर्जी अंकतालिका मामला सही पाए जाने पर अब सरिता देवी सैनी की मुश्किलें बढ़ सकती है। आपराधिक मुकदमे में कानून का फंदा कस सकता है और सजा हो सकती है।
– भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे, उपसरपंच पर हमले भी हुआ
मावंडा आरएस की सरपंच बनने के बाद सरिता देवी सैनी पर फर्जी अंकतालिका का मामला तो सामने आया, साथ ही सरपंच कार्यकाल मेंं सरिता देवी, उनके पति व अन्य परिजनों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। इस पंचायत में पचास लाख के विकास कार्य में धांधली के आरोप भी लग चुके हैं। जिनकी शिकायतें भी ग्राम पंचायत शासन व पंचायत राज विभाग को हो रखी है। यहीं नहीं सरपंच परिवार ने उपसरपंच श्रीराम सैनी पर जानलेवा हमला भी किया था। इस मामले में नीमकाथाना सदर द्वारा सरपंच के भतीजे राजेश व सुंदरलाल के खिलाफ चालान पेश हो चुके हैं।