जयपुर. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने पॉलिटिक्स में रिटायरमेंट की उम्र 70 साल बताते हुए सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने 70 साल में रिटायरमेंट की मजबूती से पैरवी करते हुए चुनाव में नई लीडरशिप खड़ी करने की बात कही। उन्होंने कहा मैंने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। यदि बीजेपी ने इस फॉर्मूले के आधार पर टिकट बांटे तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव में 38 से ज्यादा विधायक-सांसद और पूर्व विधायकों के टिकट कटेंगे। अगले चुनाव से पहले 70 पार होने वालों में मौजूदा 12 विधायक, 5 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद हैं। 18 पूर्व विधायक और विधायक उम्मीदवार भी 70 पार की गिनती में आ रहे हैं। हालांकि, पूनियां ने स्पष्ट किया कि पीएम नरेन्द्र मोदी इसमें एक्सेप्शन हो सकते हैं। पूनियां के इस फॉर्मूले पर यदि केंद्र काम करता है तो दिग्गज भाजपा नेताओं में शामिल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ, वासुदेव देवनानी, नरपत सिंह राजवी के टिकटों पर संकट खड़ा हो सकता है। जयपुर में हुए टॉक जर्नलिज्म प्रोग्राम में सतीश पूनियां ने यह भी कहा था, पार्टी में 8 साल से 80 साल तक जो भी काम करता है, उसका सम्मान है। उम्र की बात पर काफी लोग नाराज भी हो सकते हैं। हमारे यहां जनसंघ के नेता हुआ करते थे और अच्छे विचारक हैं नानाजी देशमुख। उन्होंने कहा था- राजनीति के लोगों की भी रिटायरमेंट एज होनी चाहिए। किसी ने पूछा कितनी होनी चाहिए ? नानाजी देशमुख ने जवाब दिया था 65 साल। मैं नानाजी देशमुख की बात में थोड़ी और एड कर देता हूं कि 70 साल के बाद में नेताओं को मार्गदर्शन देना चाहिए। नई पीढ़ी को तैयार करना चाहिए। उनको आशीर्वाद देना चाहिए। मैं 70 साल में रिटायरमेंट ले लूंगा। मैं इस मंच से यह कमिट करता हूं।
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