वाशिंगटन। मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद को आतंकियों को चिह्नित करने वाली संयुक्त राष्ट्र सूची से अपना नाम हटाने संबंधी याचिका की सुनवाई के लिए नए सुरक्षा परिषद ऑम्बड्सपर्सन (शिकायत निस्तारण अधिकारी) की नियुक्ति का इंतजार करना पड़ सकता है। सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति ने 10 दिसंबर 2008 को सईद को एक वैश्विक आतंकवादी के तौर पर नामित किया था। अमेरिका ने भी उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है और उसने उसकी सूचना देने वाले को एक करोड़ डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है। सईद के लाहौर स्थित अटॉर्नी ने कहा है कि जमाद उद दावा नेता ने आतंकियों को चिन्हित करने वाली सूची से अपना नाम हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में याचिका इस आधार पर दाखिल की है कि उसके खिलाफ लगाया गया कोई भी आरोप पाकिस्तानी अदालतों में साबित नहीं हुआ है। सईद की इस याचिका पर सुनवाई फिलहाल टल सकती है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची से किसी व्यक्ति को हटाने की सुनवाई पर कोई निष्पक्ष ऑम्बड्सपर्सन विचार करता है और वह अपनी जांच के आधार पर व्यक्ति को आतंकवादियों की सूची से हटाने के संबंध में सुरक्षा परिषद से सिफारिश करता है।
कैथरीन मार्ची उहेल के ऑम्बड्सपर्सन कार्यालय छोड़ने के बाद से यह पद इस साल सात अगस्त से रिक्त है।
नए ऑम्बड्सपर्सन की नियुक्ति अभी नहीं की गई है। पीटीआई द्वारा ऑम्बड्सपर्सन कार्यालय को की गई कई फोन कॉल और भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है। सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के ऑम्बड्सपर्सन कार्यालय का कहना है कि समिति के सामने इस समय सईद के मामले के अलावा एक मामला लंबित है। मुंबई में 2008 में आतंकी हमले के साजिशकर्ता सईद का नाम संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था। मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हो गयी थी।