प्रोफेसर कुमार ने स्मार्ट फोन के खतरों को लेकर हाल ही में भारत सरकार को एक रिपोर्ट भी सौंपी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सबसे अधिक खतरा है क्योंकि उनके सिर की सतह अपेक्षाकृत नरम और पतली होती है और उसमें रेडियेशन का खतरा अधिक रहता है। कुमार ने कहा कि सेल फोन के रेडियेशन से पशुओं और पेड़ पौधों को भी नुकसान पहुंच रहा है। इससे शरीर के डीएनए पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विशेषकर युवाओं को जोखिम अधिक है। नींद से जुडी दिक्कतें, पार्किन्सन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के मूल में भी स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को हम त्याग नहीं सकते लेकिन अगर सेल फोन के खतरों को लेकर समाज में जागरूकता नहीं पैदा की गयी तो बड़ी चूक होगी।
नई दिल्ली : आईआईटी—मुंबई के एक वैज्ञानिक ने स्मार्ट फोन के लगातार लंबे समय तक इस्तेमाल को लेकर आगाह किया है। आईआईटी-मुंबई के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर गिरीश कुमार ने स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वालों को आगाह किया है कि वे एक दिन में 30 मिनट से अधिक समय तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल ना करें। अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय :एएमयू: की ओर से आयोजित एक सेमिनार में उन्होंने कहा कि हाल के मेडिकल अनुसंधान ने पुष्टि कर दी है कि सेल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से किशोरों में मस्तिष्क कैंसर का जोखिम 400 फीसदी तक बढ़ जाता है।