स्वाइन फ्लू पर वीडियो कांफ्रेंस
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रदेश में स्वाईन फ्लू की प्रभावी रोकथाम के लिये बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित स्वाईन फ्लू पाजिटिव पाये गये व्यक्तियों के निवास व आसपास के घरों में सघन स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बने पांचों नये राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्वाईन फ्लू की जांच की व्यवस्था के लिये एक-एक करोड़ सहित कुल पांच करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी है।
डॉ. शर्मा ने सोमवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशकों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, मेडिकल कालेज के प्राचार्यों व अधीक्षकों से स्वाईन फ्लू की प्रभावी रोकथाम हेतु की जा रही गतिविधियों की विस्तार से जानकारी ली एवं आवश्यक-दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि 33 जिला चिकित्सालयों में स्वाईन फ्लू की जांच की व्यवस्था हेतु मशीनें व अन्य संसाधन उपलब्ध करवाये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्तमान में 7 मेडिकल कालेजों, 1 डीएमआरसी व 4 निजी लैब सहित 12 स्थानों पर स्वाईन फ्लू की जांच सुविधायें उपलब्ध हैं। इन्हें मिलाकर प्रदेशभर में अब 50 स्थानों पर स्वाईन फ्लू जांच की सुविधायें उपलब्ध हो जायेगी।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि नेशनल इंस्टीटयूट आफ वायरोलॉजी, पुणे से आये विशेषज्ञों ने प्रदेश में स्वाईन फ्लू की रोकथाम एवं उपचार की व्यवस्थाओं को पूर्ण रूपेण संतोषजनक बताया है। उन्होंने स्वाईन फ्लू से हो रही मौतों को रोकने के लिये अर्ली डिटेक्शन पर विशेष जोर देने के निर्देश दिये। स्वाईन फ्लू के लक्षण प्रतीत होते ही तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेकर आवश्यक उपचार प्रारम्भ कर देने से स्वाईन फ्लू को गंभीर होने से रोका जा सकता है। उन्होंने अर्ली डिटेक्शन एवं अर्ली ट्रीटमेंट की व्यवस्था पर विशेष बल दिया।
चिकित्सा मंत्री ने स्वाईन फ्लू के उपचार के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक टेमी फ्लू की उलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में इस समय पर्याप्त मात्रा में टेमी फ्लू उपलब्ध है। स्वाईन फ्लू की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये 10 लाख अतिरिक्त् टेमी फ्लू मंगवायी गयी है, इनमें से एक लाख की आपूर्ति हो चुकी है।
डॉ. शर्मा ने व स्वाईन फ्लू सहित विभिन्न मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिये आयुर्वेदिक औषधियों से निर्मित काढ़ा पिलाने की व्यवस्था के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक औषधालयों में यह व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सकों को स्थानीय स्तर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिये आवश्यक परामर्श देने के निर्देश दिये।