जयपुर। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की राजदार हनीप्रीत की तलाश में हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने श्रीगंगानर जिले के गुरसर मोड़िया गांव में छापे मारे। हालांकि हनीप्रीत तो यहां नहीं मिली, लेकिन यह जानकारी अवश्य मिली कि वह पंजकूला में हिंसा के बाद सीधे राजस्थान आई थी और यह उदयपुर, जयपुर और श्रीगंगानगर जिले में तीन से चार दिन तक रहने के बाद फरार हो गई।
राम रहीम के पैतृक गांव गुरसर मोड़िया में स्थित उसके आवास और ड़ेरे पर छापेमारी की गई, इससे पहले पूरे गांव को भारी पुलिस ने घेर लिया। हरियाणा से आई पंचकूला पुलिस की विशेष टीम ने राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के 100 पुलिसकर्मियों के सहयोग से राम रहीम के घर एवं डेरे की तलाशी ली, इस दौरान राम रहीम की अवैध सम्पतियों से जुड़े दस्तावेज मिलने के साथ ही, सिरसा की तरह गुरसर मोड़िया आश्रम में भी गुप्त गुफा होने की बात सामने आई। श्रीगंगानर जिला पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र सिंह ने बताया कि हरियाणा पुलिस को जानकारी मिली थी कि हनीप्रीत गुरसर मोड़िया गांव में स्थित राम रहीम के पैतृक गांव में छिपी हुई है। इस पर पंचकूला पुलिस ने श्रीगंगागर पुलिस से सहयोग मांगा, जिले के दो पुलिस थानों सुरतगढ़ और गोलुवाला से पुलिस जाप्ता उनके साथ तैनात किया गया। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी गुरसर मोड़िया में भेजा गया ।
उन्होंने बताया कि राम रहीम की पत्नी, मां, बेटा, बहू औद बेटी-दामाद पिछले डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद से गुरसर मोड़िया स्थित उसके पैतृक घर में रह रहे है, श्रीगांगनगर पुलिस उनकी गतिविधियों पर निगरानी रख रही है। अब हरियाणा पुलिस को हनीप्रीत के यहां छिपे होने की सूचना मिली तो तलाशी अभियान चलाया गया। उल्लेखनीय है कि हनीप्रीत की तलाश में हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने पिछले दिनों उदयपुर एवं जयपुर मे भी कई स्थानों पर दबिश दी थी। उदयपुर में तो हनीप्रीत का एक सहयोगी भी गिरफ्तार किया गया था, उससे हुई पूछताछ में सामने आया कि राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद हनीप्रीत राजस्थान आई थी। इससे पूछताछ में यह भी सामने आया कि पंचकूला में हुई हिंसा के लिए उदयपुर क्षेत्र के आदिवासियों को पैसे का लालच देकर ले जाया गया था।