जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक रेडियोग्राफर भर्ती-2013 की चयन प्रक्रिया में याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों शामिल करते हुए नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने इन अभ्यर्थियों को नोशनल परिलाभ भी देने को कहा है। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र कुमार शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में सहायक रेडियोग्राफर के करीब एक हजार तीन सौ पद की भर्ती निकाली थी। जिसमें चयन होने के बावजूद याचिकाकर्ताओं को यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि उन्होंने नेशनल इंस्ट्टीटयूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से डिप्लोमा लिया है। इस डिप्लोमा को राज्य सरकार मान्यता नहीं देती है। जिसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि 30 अगस्त 2013 को स्वास्थ्य विभाग ने परिपत्र जारी किया था। इस परिपत्र में प्रावधान किया गया था कि केन्द्र या राज्य सरकार के साथ ही राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल से अधिकृत संस्था की ओर से जारी डिप्लोमा भर्ती के लिए मान्य होगा। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने केन्द्र सरकार के एचआरडी के अधीन आने वाली संस्था से डिप्लोमा किया है। ऐसे में उन्हें नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को शामिल करते हुए नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं।