नई दिल्ली : सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का मानना है कि बच्चों पर बनने वाली फिल्मों में लैंगिक संवेदनशीलता को शामिल किया जाना अहम है। उनके मुताबिक लड़कियों के भीतर की नेतृत्व क्षमता को बाहर लाने की जरूरत है। ‘तारे जमीन पर’ के गाने लिखने वाले जोशी ने कहा कि बच्चों की फिल्म दुनिया को देखने का माध्यम बन जाती हैं। 48वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ‘भारतीय सिनेमा में बाल फिल्म’ पर आयोजित परिचर्चा के दौरान जोशी ने कहा, ‘‘फिल्म की परिकल्पना के साथ ही लैंगिक संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है। मुझे याद है कि ‘मूलन’ देखते समय मेरी बेटी सशक्त महसूस कर रही थी। इस खास चीज का ध्यान रखना अहम है।
’’ गीतकार ने कहा कि बाल फिल्मों में ऐसे किरदार होने चाहिए, जो लड़कों और लड़कियों दोनों में रुचि पैदा करे। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ लड़कों के किरदार के पास ही सबकुछ करने के लिए क्यों हो और लड़कियों को केवल सोचने के लिए ही क्यों छोड़ दिया जाए? लड़कियों के नेतृत्व क्षमता को बाहर लाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास किये जाने चाहिए।’’ जोशी ने कहा, ‘‘बच्चों की सोच उनकी तुलना में व्यस्कों के लिए ज्यादा अहम है। मेरा मानना है कि हम व्यस्कों को बच्चों की तुलना में बाल फिल्मों की अधिक जरूरत है क्योंकि हमारा जीवन इतना जटिल है कि हम कुछ भी अलग सोच ही नहीं पाते हैं।’’
|
Home जनप्रहरी एक्सप्रेस सेंसर बोर्ड अध्यक्ष: बाल फिल्मों में लैंगिक संवेदनशीलता को शामिल किया जाना...