-विष्व कैंसर दिवस आज
जयपुर। जीवनषैली और खान-पान में आए परिवर्तन के कारण आज विष्वभर में कैंसर जैसा रोग तेजी से बढता रहा है। आलम यह है कि देश में हर साल सात लाख नए कैंसर के रोगी सामने आ रहे हैं। हालांकि राजस्थान में कोई कैंसर रजिस्टी नहीं है जिससे कैंसर रोगियों की संख्या का पता चल सकें, लेकिन राज्य के कैंसर रोग विषेशज्ञों की माने तो राजस्थान में हर साल करीब 35 हजार नए कैंसर रोगी सामने आते है। इन रोगियों में पुरूषों में मुंह और फेफडें और महिलाओं में स्तन कैंसर के रोगियों की संख्या सर्वाधिक है।
भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के कैंसर रोग विषेशज्ञ डॉ असीम कुमार सामर का कहना है कि कैंसर के रोगी लगातार बढते जा रहे हैं, परंतु कैंसर का इलाज भी सफलता पूर्वक किया जा सकता है। कई सारे कैंसर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए टारगेट थैरेपी इस्तेमाल की जा रही है जिसके नकारात्मक प्रभाव भी बहुत कम है और असर भी बहुत अच्छा होता है। आधुनिक इलाज से आज कैंसर रोगियों को प्रभावी चिकित्सा उपलब्ध करवाई जा रही है। तंबाकू पर नियंत्रण है जरूरी कैंसर के प्रमुख कारण तंबाकू से देषभर में कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढती जा रही है। तंबाकू से 2020 तक कैंसरग्रस्त पुरूषों की संख्या 2,25,241 और महिलाओं को संख्या 93,563 तक पहुंचने का अनुमान है। डॉ असीम का कहना है तंबाकु का सेवन कई तरह के कैंसर को जन्म देता है। इनमें मुंह का कैंसर प्रमुख है। राजस्थान में पुरूषों के साथ ही कई महिलाएं भी तंकाबू का सेवन करती है, जिसके कारण महिलाओं में भी मुंह के कैंसर के केस सामने आते है।
समय पर उपचार की षुरूआत जरूरी रेडिएषन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ टीपी सोनी ने बताया कि जगरूकता की कमी के कारण कैंसर रोगी को अपने रोग की पहचान षरीर में पूरी तरह से फैल जाने के बाद होती है। कैंसर रोग मुख्य रूप से चार अवस्थाओं में होता है। प्रथम और दूसरी अवस्था में रोग की पहचान हो जाने और उपचार की षुरूआत हो जाने पर रोगी को कैंसर मुक्त करना संभव होता है, वहीं तीसरी या अंतिम अवस्था में उपचार की षुरूआत से रोगी की मृत्युदर बढ जाती है। जागरूकता की कमी के कारण देष में अधिकांष रोगियों में रोग की पहचान तीसरी या अंतिम अवस्था में ही होती है। यही कारण है कि अन्य देषों के मुकाबले भारत में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या सर्वाधिक है।
यह है देष में कैंसर की स्थिति ऽ 25 लाख कैंसर कैंसर पीडित हैं।ऽ 7 लाख कैंसर रोगी हर साल नए रजिस्टर्ड हो रहे है।ऽ 5,56,400 मौते कैंसर से हो रही है।(नेषनल इंस्टीटृयूट ऑफ कैंसर प्रिवेंषन एंड रिसर्च (एनआईसीपीआर) के अनुसार)