जयपुर। सातवें वेतनमान की सिफारिशों को केन्द्र के समान लागू करने, दीवाली से पहले एरियर देने समेत अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों के एक प्रमुख कर्मचारी संगठन अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने का फैसला किया है। महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिलाध्यक्षो की संयुक्त बैठक में महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया की अध्यक्षता में यह फैसला किया गया है। फैसले के मुताबिक 25 अक्टूबर से महासंघ के कर्मचारी आंदोलन की शुरुआत करेंगे। महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड ने बताया कि राजस्थान सरकार राज्य कर्मचारियों के लिए एक के बाद एक कर्मचारी विरोधी निर्णय ले रही है। इस वजह से कर्मचारियों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड रहा है। आंदोलन के प्रथम चरण में दीपावली पूर्व 25 अक्टूबर को राजस्थान की राजधानी जयपुर में महासंघ के 42 घटक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी धरना देकर सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे। 28 अक्टूबर को सम्पूर्ण प्रदेश में आधे दिन का कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन का विधिवत नोटिस मंगलवार को राज्य के मुख्य सचिव व अध्यक्ष मंत्रीमण्डलीय उपसमिति राजेन्द्र सिंह राठौड को दिया जाएगा। सरकार की मंशा ठीक नहीं होने के कारण महासंघ ने आम हडताल पर जाने तक के कार्यक्रम को अन्तिम रूप देते हुए रणनीति बना ली है। इसकी घोषणा करने के अधिकार प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया को दे दिए गए हैं। राठौड़ ने राज्य सरकार को आगाह किया है कि वह किसी मुगालते में नहीं रहे व कर्मचारियों को कमजोर समझने की गलती नहीं करें। कर्मचारियों की मांगों पर तत्काल फैसला लें। महासंघ की बैठक में वरिष्ठ कर्मचारी नेता के.के. गुप्ता, श्याम सिंह, मुरारीलाल पारीक, बन्नाराम चैधरी, गिरीश कुमार शर्मा, महावीर सिहाग, भंवर रणजीत सिंह, योगेन्द्र सिंह शेखावत, ओ.पी. पूनिया, कृष्ण मुरारी शर्मा, नरेन्द्र कुमार पारीक, बंशीलाल राजावत, अर्जुन शर्मा, महावीर प्रसाद शर्मा, नारायण सिंह, प्रहलाद मीणा, पवन पारीक, महेन्द्र कुमार तिवारी, उदयसिंह, रतन कुमार, मानसिंह आदि ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों की भत्र्सना करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने पैराटीचर, विधार्थी मित्रों को बेरोजगार करने का कार्य किया है। इसे प्रदेश का बेरोजगार युवा कभी भी सहन नहीं करेगा। श्रम कानूनों में संशोधन करके श्रमिकों को दबाने में लगी है सरकार। सरकार चुनाव घोषणा पत्र से भी मुकर गयी है। इसका प्रदेश के कर्मचारी, मजदूर व बेरोजगार समय आने पर जवाब देंगे।

– ये हैं मांगे, जिन्हें पूरा करने के लिए करेंगे आंदोलन
राज्य सरकार को दिये जाने वाले संशोधित मांग पत्र में प्रमुख मांगो की जानकारी देते हुए तेज सिंह राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार 7वें वेतनमान में न्यूनतम वेतन 26 हजार करते हुये सभी प्रकार के भत्तों को लागू करने सम्बन्धी घोषणा शीघ्र करें तथा पूर्व की वेतन विसंगतियों का निराकरण करें। विभिन्न विभागों में रिक्त पडे सभी संवर्गों के पदों को शीघ्र भरने के साथ ही संविदा, ठेका, वर्कचार्ज, आंगनबाडी, समेकित वेतन आधारित कार्मिकों को नियमित करें तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बंद करने की कवायद को बिना समय गंवाये विराम दें। इसके अलावा ये मांगे भी प्रमुख रुप से है।
-नवीन भर्ती सेवा नियम व नवीन पेंशन नियम-2004 वापस लें।
– माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के परीविक्षाकाल समाप्त करने सम्बन्धी निर्णय लागू करें।
-पेंशन से वंचित बोर्ड, निगम के कर्मियों को राज्य कर्मियों की भांति पेंशन व अन्य परिलाभ दिये जाये।
-पुलिस कार्मिकों का साप्ताहिक अवकाश एवं कार्यशील समय सुनिश्चित किया जावें।
– राजस्थान के मजदूर-श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 21 हजार प्रति माह सुनिश्चित की जावें।

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