जयपुर. राजस्थान के लाखों कर्मचारी फिर आंदोलन की राह पर है। कारण सातवें वेतन आयोग की अधिसूचना में एरियर व दूसरे वेतनमान के प्रावधान नहीं मिलने से कर्मचारी नाराज है। २१ महीने के एरियर दिए जाने के संबंध में सरकार ने कोई खुलासा नहीं किया, जिससे आठ लाख कर्मचारियों में गुस्सा है। इंक्रीमेंट और डीए के प्रावधान भी नहीं है। कर्मचारी संगठनों ने एरियर, इंक्रीमेंट, डीए के प्रावधान नहीं देख आंदोलन का ऐलान कर दिया है, साथ ही सरकार को चेता भी दिया है कि सरकार की इस वादाखिलाफी के खिलाफ कर्मचारी और कर्मचारी संगठन चुप नहीं बैठेंगे। हक की लड़ाई में अब कर्मचारी आर-पार लड़ेंगे। अधिकांश कर्मचारी संगठनों ने सरकार की इस वादाखिलाफी को धोखा करार दिया है।
गजेंद्र सिंह, प्रदेशाध्यक्ष, अखिल राजस्थान संयुक्त महासंघ एकीकृत, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के अध्यक्ष आयुदान सिंह कविया और महामंत्री तेज सिंह राठौड़ ने सातवें वेतन आयोग की अधिसूचना में एरियर व दूसरे वेतन-भत्तों के प्रावधान नहीं होने को कर्मचारियों के प्रति धोखा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि इस संबंध में सभी कर्मचारी संगठन मिलकर बैठक करेंगे और आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। सरकार ने वादा करके भी लाखों रुपए का एरियर नहीं दिया है। कुछ संवर्ग में ग्रेड कम कर दी, जिससे उन्हें वर्तमान वेतन से कम भुगतान होगा। इंक्रीमेंट-डीए के भी प्रावधान नहीं किए हैं। एक तरह से सरकार ने कर्मचारियों से धोखा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार या तो पहले तय वादे के मुताबिक, एरियर, इंक्रीमेंट व डीए की घोषणा कर दे, अन्यथा सरकार के खिलाफ कर्मचारी लामबंद होकर आंदोलन छेड़ेगा। जल्द ही इस संबंध में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलकर कर्मचारियों की भावनाओं से अवगत कराया जाएगा। मंगलवार शाम को कर्मचारी संगठनों ने बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन की रुपरेखा तैयार की जाएगी। सातवें वेतन आयोग के लिए संघर्षरत कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाए गए हैं। यह बैठक चौड़ा रास्ता स्थित गोवर्धनाथ मंदिर में रखी गई है। उधर, कर्मचारी संगठनों के विरोध प्रदर्शनों के कारण सरकार भी सकते में है।