नयी दिल्ली। राजधानी में सेक्स रैकेट चलाने की आरोपी 33 वर्षीय एक उज्बेक महिला को तीन साल तक मुकदमे सेबचकर भागने के कारण एक साल के लिए जेल भेज दिया गया है ।बहरहाल, अदालत ने उज्बेकिस्तान की ही दो अन्य महिलाओं को 2013 में देह-व्यापार में धकेलने के आरोपों से उसे बरी कर दिया क्योंकिकथित पीड़िताओं का परीक्षण नहीं हुआ ।अभियोजन के मुताबिक, पल्वानोवा दिलफुजा एक भारतीय व्यक्ति से शादी करने के बाद 2010 से भारत में रह रही थी । जब उसके पति नेउसे छोड़ दिया तो वह देह-व्यापार में लिप्त हो गयी।
दो अन्य उज्बेक महिलाओं की ओर से की गयी शिकायत के आधार पर गलत तरीके सेरोककर रखने, सामूहिक दुष्कर्म , धमकाने और हमला के आरोपों पर उसे 18 जून 2013 को गिरफ्तार किया गया था।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव जैन ने हालांकि उसे अपराधों के लिए आरोप मुक्त करते हुए कहा कि उसके खिलाफ आरोप साबित नहीं होसके क्योंकि दो महिलाएं अदालत को बताए बिना भारत से चली गयीं और गृह मंत्रालय के जरिए भी उनको समन की तामील नहीं करायी जासकी । दिलफुजा को आठ मई 2014 को जमानत पर रिहा किया गया जिसके बाद से वह मुकदमे से बच रही थी। इस साल 24 मार्च को उसे भगोड़ा घोषित किया गया। उसे 23 अक्तूबर को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।