देश में फिर से कोरोना की दस्तक होने लगी है। देश में कोरोना के नए मामले फिर से बढ़ रहे हैं। दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में केस बढ़े हैं। हालांकि जिस हिसाब से बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से मरीज भी ठीक हो रहे हैं। अभी जो मरीज सामने आ रहे हैं, वे कम लक्षण वाले हैं। चिंता की बात यह है कि कोरोना के मामले स्कूलों में भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही जयपुर में पांच स्कूली बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले। इससे पहले गाजियाबाद, नोएडा समेत अन्य शहरों के कई स्कूलों में भी टीचर्स और बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि संक्रमित बच्चों में लक्षण सामान्य है। संक्रमित बच्चों की उम्र 8 से 18 साल है। संक्रमित अधिकांश बच्चों ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई थी। जिसके चलते स्कूली बच्चे चपेट में आ रहे हैं। हालांकि देश में बच्चों व किशोर वय के लड़के-लड़कियों को कोरोना वैक्सीन लग रही है। देश में करीब 13 करोड़ से अधिक बच्चों को वैक्सीन लग चुकी है। इनमें से 15 से 18 साल के बच्चे करीब दस करोड़ हैं। शेष बच्चे बारह से 13 साल के हैं। अभी भी बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं दो डोज ले चुके दूसरे लोगों को बूस्टर डोज दी जा रही है। लेकिन कुछ माह से कोरोना केस कई राज्यों में ना के बराबर है। केसों में काफी कमी आई है, जिसके चलते लोग अब वैक्सीन लगाने से बच रहे हैं। सरकार भी केसों में भारी कमी को देखते हुए जांच की गति धीमी कर दी है। लेकिन कुछ दिनों से देश के कुछ राज्यों में फिर से कोरोना केस बढऩे लगे हैं। इससे चिंता हो रही है। दिल्ली में तो फिर से मास्क लगाने की व्यवस्था शुरु हो गई है। सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के निर्देश दिए गए हैं। राजस्थान में भी सरकार ने बढ़ते केसों को देखते हुए सावधानी बरतने, कोविड नियमों की पालना करने के निर्देश दिए हैं। जयपुर में पांच बच्चों के संक्रमित होने के चलते स्कूल प्रबंधनों को सावधानी बरतनी होगी। स्कूलों में फिर से सैनेटाइज की व्यवस्था करनी होगी। बच्चों के हाथ सेनेटाइज करवाने चाहिए। वहीं स्कूल परिसर में सेनेटाइजर का छिड़काव किया जाए। फिर से बच्चों के बीच बैठने की दूरिया रखी जाए। मास्क की सख्ती से पालना की जाए। अगर कोई बच्चा बीमार है। सर्दी खांसी जुकाम है तो उसे स्कूल आने से रोका जाए। ठीक होने के बाद ही स्कूल में आने की अनुमति मिले। यहीं नहीं जिन 12 से 17 साल के बच्चों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगाई है, उन्हें वैक्सीन की डोज दिलवानी चाहिए। कोविड नियमों की पालना करने और वैक्सीनेशन से ही इस महामारी व कोरोना से बचा जा सकता है। सरकार व प्रशासन को भी चाहिए कि कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए फिर से सख्ती बरतनी होगी। मास्क अनिवार्य करना होगा। भीडभाड के स्थानों व बाजारों में सोशल डिस्टेसिंग की पालना की आवश्यकता होने लगी है। जिन्हें दो डोज लग चुकी है, उन्हें बूस्टर डोज का अभियान तेज करना होगा। शादी समारोह व राजनीतिक कार्यक्रमों में फिर से हजारों लोग जुटने लगे हैं। इन पर भी पाबंदी लगानी होगी। तभी बढ़ते कोरोना केसों पर रोक लग सकेगी।