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संजय सैनी
जयपुर। जयपुर में जनवरी 2019 से स्वच्छता अभियान शुरू होने वाला है। इस अभियान में जयपुर के विभिन्न कोचिंग सेंटर दाग लगा रहे हैं। पूरे आवासीय इलाके को इन कोचिंग सेंटर्स ने पोस्टर, बैनर से पाट दिया है। खासकर सांगानेर प्रतापनगर में इन दिनों कोचिंग सेंटर की बाढ आई हुई है। कुकरमुत्ते की तरह उग आए इन कोचिंग सेंटर के पास नौकरी के इच्छुक छात्रों की भीड लगी रहती है।

अवैध बिल्डिंगों में चल रहे हैं
कोचिंग सेंटर ज्यादातर अवैध रुप से बनी बिल्डिगों में चल रहे हैं। श्योपुर रोड पर लोगों ने आवासीय परिसरों में कोचिंग सेंटर खोल दिए हैं। हजारों रुपए में इन भवनों को कोचिंग सेंटर के संचालकों को किराए पर दिया हुआ है। भवन संचालक प्रति माह इनसे लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। इन भवनों में स्टूडेंट्स के लिए कोई सुविधा भी नहीं है। पीने के पानी से लेकर वाहनों की पार्किंग का कोई इंतजाम इन कोचिंग सेंटर्स के पास नहीं है। पूरे टोंक रोड पर जगह जगह बेतरतीब से पोस्टर व बैनर लगा कर शहर की सुंदरता को खराब कर रहे हैं। कोचिंग सेंटर चलाने से पहले भवन संचालकों को अपने भवन को आवासीय से व्यावसायिक कराना जरूरी है। इसके लिए बाकायदा जेडीए में आवेदन करके सारे नियम-कायदे पूरे करने पडते हैं। साथ ही भू रूपांतरण के एवज में मोटी राशि शुल्क के रूप में जेडीए को देनी होती है। इन सारे नियमों से बचने के लिए भवन मालिक जेडीए-नगर निगम में सुविधा शुल्क देकर तीन-तीन मंजिला इमारतें खडी कर लेते हैं। इन्हें मोटी रकम देकर कोचिंग चलाने वालों को किराए पर दे देते हैं। और पैसा कमाते हैं।

हाईकोर्ट दे चुका है बंद करने का आदेश
ज्यादातर कोचिंग सेंटर पहले लालकोठी के आवासीय इलाके में चलते थे। हाईकोर्ट ने इनको बंद करने के आदेश दे दिए थे। इसके बाद जेडीए ने इन भवन संचालकों को कोचिंग सेंटर बंद करा दिए थे। इसके बाद कुछ कोचिंग सेंटर्स तो व्यावसायिक भवनों में चले गए लेकिन ज्यादातर ने आसपास के सेटेलाइट टाउन का रूख कर लिया। इनमें ज्यादातर सांगानेर प्रतापनगर की श्योपुर रोड की बिल्डिंगों में शिफ्ट हो गए। कुछ कालवाड रोड, निवारू रोड, पंखा काटा की तरफ चले गए। इन सेटेलाइट टाउन की आवासीय कालोनियों में खुलने से यहां रहने वाले लोगों के सामने परेशानियां खडी हो गई है।

सुंदरता में बदनुमा दाग
जयपुर की स्वच्छता रेकिंग इस समय 39 पर है। जयपुर नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी इसे बढाने का प्रयास कर रहे हैं। इनके प्रयासों को कोचिंगसंचालक धता बता रहे हैं। टोंक रोड पर सांगानेर, प्रतापनगर में कोचिंग सेंटर फैले हुए हैं। पिंजरापोल गौशाला के आसपास की मुख्य सडक से लेकर अंदर की कालोनियों की भी लगभग ऐसी ही स्थिति है। यहां पर आईआईटी जेईई से लेकर बैंकों, पीओ, टीचर्स व अन्य प्रतियोगी सेंटर्स की कोचिंग दी जा रही है। आवासीय इलाके में चलने के कारण स्थानीय निवासियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पडता है। सुबह से लेकर शाम तक अलग अलग शिफ्टों में चलने वाले इन सेंटर्स की वजह से इस पूरे इलाके में भीडलगी रहती है। कोचिंग सेंटर्स की वजह श्योपुर रोड पर दोनों तरफ खानपान के थडी ठेले और खोमचे वालों की लाइन लग जाती है जो सवेरे से लेकर शाम तक रहती है।
-रामअवतार जांगिड़, शिवसेना, जयपुर

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