डूंगरपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने डूंगरपुर जिले में संचालित जनजातीय बालिका छात्रावासों का नामकरण अमर शहीद बालिका कालीबाई के नाम पर तथा जनजातीय बालक छात्रावासों का नामकरण शहीद नानाभाई खांट के नाम पर करने की घोषणा की है। राजे ने आह्वान किया कि हमारी नौजवान पीढ़ी ब्रिटिश हुकूमत के जुल्म का विरोध करते हुए मात्र 13 साल की अल्पायु में शहीद होने वाली बालिका कालीबाई और उन्हीं के साथ शहीद हुए शिक्षक नानाभाई खांट तथा शिक्षा की अलख जगाने वाले कालीबाई के शिक्षक सेंगाभाई के जीवन से प्रेरणा लें।
राजे डूंगरपुर जिले के मांडवा खापरड़ा गांव में शहीद वीर बाला कालीबाई के पेनोरमा के लोकार्पण के अवसर पर उपस्थित आदिवासी समाज के लोगों को संबोधित कर रही थीं। राजे ने इस अवसर पर इस पेनोरमा के साथ शहीद नानाभाई और सेंगाभाई की प्रतिमाएं स्थापित करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरों और महापुरूषों की गौरवगाथा को चिरस्थायी बनाने के लिए हम प्रदेश में लोक देवताओं, संत-महात्माओं और लोकनायकों के पेनोरमा बना रहे हैं। उन्होंने आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं का आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को शिक्षा दिलाएं ताकि वे शिक्षा की अलख जगाने के साथ ही ब्रिटिश हुकूमत के जुल्म का विरोध करते हुए शहीद हुई कालीबाई की तरह ही अपने परिवार, समाज और देश का नाम रोशन कर सकें। राजे ने शहीद वीर बाला कालीबाई, नानाभाई तथा सेंगाभाई के परिजनों से भी मुलाकात की और उनका सम्मान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानगढ़ धाम में गोविंद गुरू राष्ट्रीय जनजातीय संग्रहालय का निर्माण कार्य सितम्बर माह तक पूरा कर लिया जाएगा। राजे ने शहीद कालीबाई को नमन करते हुए विजिटर्स बुक पर अपने संदेश में लिखा कि शिक्षा एवं आजादी की अलख जगाने वाली कालीबाई का इतिहास देश को प्रेरणा देगा। उन्होंने शहीद नानाभाई खांट, सेंगाभाई को भी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी, जलदाय राज्यमंत्री सुशील कटारा, राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत, सांसद हर्षवर्धन सिंह, विधायक अनिता कटारा, देवेन्द्र कटारा, डूंगरपुर नगर परिषद् सभापति केके गुप्ता तथा अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी भी उपस्थित थे।