जयपुर। पाली जिले में जंवाई बांध परियोजना के लिए किये गये कार्य के बदले करीब 27 करोड़ रुपये के भुगतान नहीं करने के मामले में ठेका कंपनी की ओर से बकाया वसूली के लिये आईएएस शिखर अग्रवाल सहित 3 अफसरों की गिरफ्तारी वारंट जारी करने को पेश किये गये 5 अलग-अलग प्रार्थना पत्रों को एडीजे-16 जयपुर मेट्रो राजेन्द्र कुमार बंसल ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बकाया वसूली के लिये जेल भ्ोजना उचित नहीं है। अदालत में सरकार की ओर से एडवोकेट विनोद कुमार जैन ने पैरवी की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन विचाराधीन है।
याची कंपनी मास्टर कन्स्ट्रक्शन ने कुर्की कार्रवाई होने के बाद भी भुगतान नहीं करने पर प्रमुख जल संसाधन सचिव शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सिंचाई अभियंता, जोधपुर राजीव चौधरी और केस ऑफिसर चन्द्गवीर सिंह के गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की गई थी। इससे इंकार करते हुए कोर्ट ने आदेश में कहा कि विशिष्ठ परिस्थितियों में ही गिरफ्तारी कर वसूली की जा सकती है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि अफसरों का बदनीयतीपूर्णक आशय नहीं है। जेल भ्ोजना वसूली का उचित/फेयर तरीका नहीं है। एडवोकेट जैन साथ ही कोर्ट ने ठेका फर्म को कुर्क की गई विभाग की संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज पेश करने के आदेश दिये है। मास्टर कन्स्ट्रक्शन ने प्रार्थना पत्रों में कहा गया कि जंवाई बांध परियोजना के लिए कार्य के बदले भुगतान नहीं देने पर आर्बिटेàटर ने 15 दिसंबर, 2०11 को अवार्ड पारित किया था। 27,०6,17,538 रुपए का भुगतान नहीं होने पर गत दिनों कोर्ट के आदेश पर विभाग की संपत्ति कुर्क की गई। फिर भी फर्म को बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है।
याची कंपनी मास्टर कन्स्ट्रक्शन ने कुर्की कार्रवाई होने के बाद भी भुगतान नहीं करने पर प्रमुख जल संसाधन सचिव शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सिंचाई अभियंता, जोधपुर राजीव चौधरी और केस ऑफिसर चन्द्गवीर सिंह के गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की गई थी। इससे इंकार करते हुए कोर्ट ने आदेश में कहा कि विशिष्ठ परिस्थितियों में ही गिरफ्तारी कर वसूली की जा सकती है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि अफसरों का बदनीयतीपूर्णक आशय नहीं है। जेल भ्ोजना वसूली का उचित/फेयर तरीका नहीं है। एडवोकेट जैन साथ ही कोर्ट ने ठेका फर्म को कुर्क की गई विभाग की संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज पेश करने के आदेश दिये है। मास्टर कन्स्ट्रक्शन ने प्रार्थना पत्रों में कहा गया कि जंवाई बांध परियोजना के लिए कार्य के बदले भुगतान नहीं देने पर आर्बिटेàटर ने 15 दिसंबर, 2०11 को अवार्ड पारित किया था। 27,०6,17,538 रुपए का भुगतान नहीं होने पर गत दिनों कोर्ट के आदेश पर विभाग की संपत्ति कुर्क की गई। फिर भी फर्म को बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है।