
मैसूर, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से आज कहा कि उनका वक्त समाप्त होने वाला है। शाह ने यह भी कहा कि यदि उन्हें लगता है कि भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा कर भगवा विचारधारा को रोका जा सकता है, तो वह गलत हैं। शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) को पुराने मैसूर क्षेत्र से ‘‘अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा’’ लगेगा। भाजपा की ‘नव शक्ति समावेश’ रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यहां कहा, ‘‘कहा जाता है कि भाजपा यहां (पुराने मैसूर क्षेत्र में) थोड़ी कमजोर है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का काम देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि सिद्दरमैया जी और जेडीएस को इस (पुराने) मैसूर क्षेत्र से अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा लगेगा।’’
शाह ने आज पुराने मैसूर क्षेत्र से अपने दौरे की शुरुआत की, जहां पिछले चुनाव में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान शाह मैसूर, चामराजनगर, मांड्या और रामनगर जिलों का दौरा करने वाले हैं। वोक्कालिंगा समुदाय का प्रभाव क्षेत्र माने जाने वाले इन चार जिलों की कुल 26 विधानसभा सीटों में से भाजपा 2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। इसके अलावा, यह मुख्यमंत्री सिद्दरमैया का गृह क्षेत्र है। सिद्दरमैया मैसूर के रहने वाले हैं। पुराने मैसूर में मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की अगुवाई वाली जेडीएस के बीच माना जा रहा है। शाह ने कहा कि जेडीएस नहीं बल्कि भाजपा में सिद्दरमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का माद्दा है, क्योंकि देवगौड़ा की पार्टी तो ‘‘बस यहां-वहां कुछ सीटें हासिल करेगी।’’
भाजपा अध्यक्ष ने मैसूर के लोगों से कहा कि वे एक ‘‘कमीशन सरकार’’ और कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाने वाली सरकार के बीच चुनाव करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में एक रैली में सिद्दरमैया सरकार को ‘‘10 फीसदी कमीशन सरकार’’ करार दिया था। शाह ने कहा कि उनकी पार्टी सिद्दरमैया को हटाकर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री ही नहीं बनाना चाहती, बल्कि ऐसा बदलाव भी लाना चाहती है जिससे कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाया जा सके।