जयपुर, 25 जुलाई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुरूवार को विधानसभा में बताया कि सिलिकोसिस एक गंभीर बीमारी है। राज्य में जिन क्षेत्रों में सिलिकोसिस पीड़ितों की संख्या अधिक है, वहां शिविर लगाये जाएंगे तथा चिकित्सालयों में चिकित्सकों और दवाइयों की कमी को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीमारी की गंभीरता को देखते हुए राज्य में सिलिकोसिस नीति भी बनाई जा रही है।
डॉ. शर्मा ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाये गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुये बताया कि राज्य सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति को बीमारी के दौरान दी जाने वाली सहायता राशि को 1 लाख रूपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है तथा मृत्यु के पश्चात् आश्रितों को 3 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाती है।
उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस से ग्रसित व्यक्ति का ऑनलाइन पंजीयन किया जाता है। इस बीमारी की पहचान के लिए न्यूमोकोनिओसिस बोर्ड का गठन किया गया है तथा इसके लिए समय-समय पर शिविर भी लगाये जाते हैं। उन्होंने बताया कि पाली जिले में वर्ष 2015 से मई 2019 तक 40 शिविर लगाये गये और इन शिविरों में 472 मरीजों को चिन्हित किया गया। इसी प्रकार बाली विधानसभा क्षेत्र में न्यूमोकोनिओसिस बोर्ड द्वारा 210 सिलिकोसिस के मरीज चिन्हित किये गये जिनमें 4 की मृत्यु हो गई।