Pradyumna murder case

नई दिल्ली। रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले में लगातार नाटीकय मोड़ आ रहे हैं। इस प्रकरण में जिस तरह से आराेपी अशोक ने अचानक पुलिस के समक्ष प्रकट होकर अपना जुर्म कबूल लिया, ऐसे में लोगों का संदेह होना लाजमी था। परिजनों को लगा कि दाल में कुछ काला जरूर है। जांच टीम के तब झटका लगा, जब इस हत्‍या में एक और शख्‍स की चर्चा जारों पर चलने लगी। फ‍िलहाल एसआइटी ने जांच के बाद इस दूसरे शख्‍स का सच बता दिया है। जानिए एसआइटी टीम का क्‍या है सच। बता दें कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले की जांच एसआइटी ने पूरी कर ली है। तीन से चार दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। जांच के मुताबिक हत्या में केवल बस सहायक अशोक ही शामिल था। इसके अलावा किसी दूसरे की किसी भी स्तर पर भूमिका नहीं है।

हालांकि पीडि़त के पिता वरुणचंद ठाकुर जांच से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि बस सहायक आखिर उनके बेटे को क्यों मारेगा। यदि बस सहायक कुछ गलत भी कर रहा था तो सात साल के बच्चे को क्या समझ में आएगा। केवल आंख दिखाने पर ही बच्चा डर जाता। उसकी निर्दयता से हत्या करने की क्या आवश्यकता थी। निश्चित रूप से हत्या के पीछे कुछ न कुछ है। इसकी जांच सीबीआइ से ही होनी चाहिए। श्याम कुंज निवासी वरुणचंद ठाकुर का सात वर्षीय पुत्र प्रद्युम्न सोहना रोड गांव भोंडसी के नजदीक स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा का छात्र था। ठाकुर शुक्रवार सुबह सात बजकर 50 मिनट पर उसे स्कूल के गेट पर छोड़कर गए थे।

आठ बजकर 10 मिनट पर उन्हें स्कूल से फोन किया गया कि प्रद्युम्न लहूलुहान हालत में बाथरूम के आगे गिरा है। उसे सेक्टर 51 स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाएगा, आप पहुंचें। जब ठाकुर वहां पहुंचे तो जानकारी दी गई कि पहले ही मौत हो चुकी थी। पुलिस जांच के मुताबिक प्रद्युम्न अपनी कक्षा में जाने की बजाय सीधे बाथरूम पहुंच गया था। उस समय बाथरूम में केवल बस सहायक अशोक था। वह बस के टूल बॉक्स से चाकू निकालकर धोने के लिए पहुंचा था लेकिन वहां पहुंचने के बाद वह गंदी हरकत करने लगा। इसे प्रद्युम्न ने देख लिया था।

बच्चा बाहर जाकर बता दें, इस भय से उसने पीछे से पकड़कर गला रेत दिया। पहली बार में चीख निकली लेकिन दूसरी बार जब वार किया तो आवाज बंद हो गई। इस वजह से बच्चा बाथरूम से बाहर तड़पता हुआ आया लेकिन उसकी आवाज कोई सुन नहीं सका। एक से दो मिनट बाद ही माली हरपाल बाथरूम के नजदीक पहुंचा तो उसने स्कूल प्रबंधन को सूचना दी। किसी को शक न हो इसलिए आरोपी अशोक ने बच्चे को अपनी गोद में उठाकर न केवल गाड़ी तक पहुंचाया बल्कि अस्पताल तक भी गया था। इस वजह से कपड़ों में खून लगने के बाद भी किसी को शक नहीं हुआ। घटना के दिन ही जब पुलिस ने छानबीन शुरू की तो दो बच्चों ने बताया कि उन्होंने बाथरूम में बस सहायक अशोक को जाते हुए देखा था। इसके बाद अशोक से पूछताछ की गई। वह कुछ ही देर में टूट गया और उसने सच्चाई उगल दी। उसने बताया कि वह गलत कर रहा था। उसे डर हुआ कि कहीं बच्चा बाहर किसी को बता न दे। उसके पास चाकू था। उसने उसे पीछे से पकड़कर गले को चाकू से रेत दिया।

 

LEAVE A REPLY