नागौर। अखिल भारतीय विमुक्त, अद्र्ध घुमंतु समाज का जिला स्तरीय कार्यक्रम गुरुवार को यहां नागौर में हुआ। सम्मेलन में सैकड़ों घुमंतु समाज के महिला-पुरुष पहुंचे। सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री और घुमंतु संघ के राष्ट्रीय संयोजक गोपाल केसावत ने कहा कि आज के इतने सालों के बाद भी राजस्थान समेत पूरे देश में घुमंतु समाज अपनी पहचान, अपनी मिट्टी, रोजी-रोटी और एक अदद घर के लिए मोहताज है। हिन्दु समाज का यह एक बड़ा तबका आज भी मुख्यधारा से ना केवल वंचित है, बल्कि आज भी दो जून की रोटी के लिए तरस रहा है। ना तो सरकार और ना ही सरकारी नुमाइंदे आकाश तले गुजर-बसर करने वाले इस समाज के जीवन स्तर को उठाने, शिक्षा प्रसार, रोजगार-आवास पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पहचान दस्तावेज के लिए इन्हें भटकाया जाता है। कांग्रेस सरकार में इस समाज को नि:शुल्क भूखण्ड देने की योजना शुरु हुई थी, उसे बंद कर दिया है। भाजपा सरकार को इसे फिर से शुरु करना चाहिए। इसके लिए अलग से राजस्थान सरकार को बजट बनाना चाहिए। घुमंतु समाज पर अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कानून और सरकार इसकी रोकथाम पर ध्यान नहीं दे रहा है। सम्मेलन के अतिथि संत भजनाराम ने कहा कि समाज को आध्यात्मिक जीवन अपनाना चाहिए। नशाखोरी व नशे का सेवन बंद करना होगा, तभी समाज आगे बढ़ पाएगा। सब अपराधों की जड़ शराब है। राजस्थान में शराबबंदी होनी चाहिए। बच्चों को पढ़ाने होगा। शिक्षित समाज ही विकास करता है। इसलिए लड़कों के साथ लड़कियों की शिक्षा पर भी जोर दो। उन्होंने घुमंतु समाज की बालक-बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मेलन में डीएनटी प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष रामलाल नागौरी, अविनाश बींजावत, उदाराम नायक, चेनाराम दागडी, चतराराम देशबन्धु, विधायक हबीबुरहमान आदि ने भी विचार रखे।

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