जयपुर। राजस्थान की राजनीति में चाणक्य के तौर पर पहचाने जाने वाले भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने मूल्यपरक व सिद्धांतों पर आधारित राजनीति, शुचिता और भ्रष्टाचार मुक्त समाज की मुहिम शुरु की है। 28 साल पहले उनके द्वारा गठित पं.दीनदायल स्मृति संस्थान के माध्यम से पं. दीनदयाल के सिद्धांतों, विचारों और राष्टवादी विचारधारा के प्रति जनजागरण का बीडा उडाया है। वे चाणक्य बनकर चन्द्रगुप्त जैसे युवाओं की फौज खड़े करने का आह्वान कर रहे हैं, ताकि राज और राजनीति में भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके। सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय के सिद्धांतों को लागू किया जा सके। वर्तमान आरक्षण में कोई बदलाव किए बिना सवर्ण समाज के गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण लाभ मिल सके, इसके लिए लोगों को जाग्रत करके सरकार पर दबाव बना रहे हैं। प्रदेश की धन-संपदा को लूट से बचाने, सामाजिक समरसता और समता मूलक समाज की स्थापना जैसे मुद्दों का बीड़ा उठाकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा रहे विधायक घनश्याम तिवाड़ी से राकेश कुमार शर्मा की बातचीत के अंश…….
– पं. दीनदयाल स्मृति संस्थान की सक्रियता का क्या मकसद है?, कहीं इस संगठन के कार्यक्रमों द्वारा सरकार को कठघरे में खड़ा नहीं किया जा रहा है। ?
*पं.दीनदयाल स्मृति संस्थान का गठन आज कल में नहीं हुआ है, बल्कि 28 साल पहले ही सीकर में इसका गठन कर दिया था। सीकर में इसका भवन भी है। पिछले साल सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रशिक्षण शिविर में जिस तरह से मेरे साथ दुव्र्यवहार की घटना हुई, उससे मुझे काफी आहत पहुंचा। जब मेरे साथ ऐसा सलूक हो सकता है तो आम कार्यकर्ता का क्या हाल हो रहा होगा, यह सोचनीय बिन्दु है। राजनीति में मूल्यों व सिद्धांतों की राजनीति का इतना बुरा हश्रन देखकर मैंने पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों व संदेशों से कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित और जाग्रत करके नियम, आचरण से मूल्य आधारित राजनीति का बीडा उठाने का निश्चय किया है, ताकि पार्टी और सरकार में विचारधारा के कार्यकर्ताओं का सम्मान हो और उनके और जनता के कार्यों की सुनवाई हो सके।
– चाणक्य बनकर चन्द्रगुप्त तैयार करने के बयान देकर आपने सरकार में भूचाल ला रखा है। क्या सरकार के खिलाफ चन्द्रगुप्त तैयार किए जाएंगे?
* मेरा चाणक्य जैसा स्वरुप नहीं है। हां, जिस तरह से चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को तैयार करके आततायी नंद वंश को समाप्त किया है। वर्तमान में पं. दीनदयाल की विचारधारा को लागू करने, मूल्य आधारित राजनीति, समता मूलक समाज, आर्थिक, सामाजिक व राजनीति न्याय की स्थापना के लिए चन्द्रगुप्त की तरह युवाओं को तैयार करने होंगे, तभी लोकतंत्र सुरक्षित रह सकता है। 24 दिसम्बर, 2015 को बिडला सभागार में पं.दीनदयाल स्मृति संस्थान के प्रतिनिधि सम्मेलन के दौरान पं. दीनदयाल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भैरोंसिंह शेखावत, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, चौधरी चरण सिंह, अटल बिहारी वाजयेपी जैसे महापुरुषों के चित्र लगाए गए। इन हस्तियों ने संसदीय लोकतंत्र को बचाने के लिए हमेशा संघर्ष किया और सिद्धांत आधारित राजनीति करके लोकतंत्र को बचाया। दीनदयाल संस्थान के कार्यक्रमों से समर्पित लोगों व युवकों को तैयार किया जा रहा है। जो सिद्धांतों के लिए लड़ सके और सत्ता के भूखे नहीं हो। हमेशा भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए लडऩे के लिए तैयार रहे।
– आप प्रदेश की धन संपदा की लूट की बात कह रहे हैं, क्या प्रदेश में जनता व प्रदेश की संपदा सुरक्षित नहीं है?
* विश्व बैंक की रिपोर्ट है कि देश में आम आदमी को अपने कार्यों के लिए नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक रिश्वत अफसरों व कर्मचारियों को देनी पड़ती है। यह प्रशासनिक भ्रष्टाचार है। प्रदेश की 70फीसदी धन संपदा पर दस फीसदी लोग काबिज है। भ्रष्टाचार का बोलबाला है। समाज में समानता और आर्थिक न्याय कायम नहीं हो सके, इसके लिए सरकारें आरक्षण, जातिवाद, भेदभाव, साम्प्रदायिकता जैसे मुद्दों को उठाकर जनता को भ्रमित करती रहती है। देश की आजादी और सांस्कृतिक यात्रा में सभी समाजों का सहयोग रहा है। इसलिए सभी को आर्थिक न्याय मिल सके, इसके लिए पं.दीनदयाल स्मृति संस्थान की तरफ से मुहिम चलाई जा रही है। आर्थिक न्याय प्राप्त करने का समय भी आ गया है। जब तक राज ईमानदार नहीं होगा, तब तक भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लग सकती। भ्रष्टाचार मुक्त समाज के लिए चन्द्रगुप्त जैसे युवकों को तैयार करने की जरुरत है।
– आपके भ्रष्टाचार संबंधी बयानों और कार्यक्रमों से सरकार और पार्टी सकते हैं और कठघरे में खड़ी नजर आती है। ऐसे कार्यक्रमों पर रोक के लिए सरकार या पार्टी का कोई दबाब तो नहीं आ रहा है।
* पं.दीनदयाल के विचारों व सिद्धांतों की बात कर रहा हूं। आर्थिक न्याय, समतामूलक समाज, भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति व समाज की बात कर रहा हूं। दीनदयाल स्मृति संस्थान के कार्यक्रमों को जनता और कार्यकर्ताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है। भाजपा परिवार का भी व्यापक समर्थन है। जहां भी जाता हूं पार्टी के कार्यकर्ता मिलने आते हैं और कार्यक्रमों में शरीक होते हैं। इन कार्यक्रमों के संबंध में सरकार और पार्टी ने कोई बात नहीं है और ना ही किसी तरह का दबाव है। मैं दबाव की राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं और ना ही किसी के दबाब में आऊंगा। जब आपातकाल में ही जेल जाने से नहीं डरा तो अब किस बात का डर और दबाब। मैंने सिद्धांतों की राजनीति की है, उस पर भविष्य में भी कायम रहूंगा।
– आप पर हमला और दुव्र्यवहार की घटना पर पार्टी गंभीर क्यों नहीं है और दोषियों पर कार्रवाई से क्यों बच रही हैं?
*- जब कार्रवाई करने वाले ही हमलावर हो तो दोषियों पर कार्रवाई कौन करेगा। शिकायत के बाद भी पार्टी ने गंभीरता नहीं दिखाई।
– क्या भविष्य में नया दल बनाकर राजनीति की संभावना है?
* मैं विचारधारा और सिद्धांत आधारित राजनीति करता आया हूं। मैं भाजपा पार्टी के विचारों व विचाराधारा से बंधा हूं। भविष्य की मैं बात नहीं करता हूं। भविष्य में क्या होगा, उसका जवाब नहीं दे सकता है। पार्टी बदलती रहती है, लेकिन विचारधारा नहीं। पहले जनसंघ पार्टी बनी। फिर यह बदलकर जनता पार्टी और फिर भारतीय जनता पार्टी बनी। पार्टी का नाम बदलता रहा और कार्यकर्ता उससे जुड़ते रहे, लेकिन विचारधारा नहीं बदली गई। आगे भी अपनी विचारधारा पर कायम रहूंगा।