जयपुर। कोरोना महामारी को हर व्यक्ति गंभीरता से लेते हुए अनिवार्य रूप से मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग रखे और हैल्थ प्रोटोकॉल की पूरी तरह से पालना करे तो लगातार बढ रहा कोरोना संक्रमण पूरी तरह से काबू में किया जा सकता है। वर्तमान समय की सबसे बडी आवश्यकता है कि कोरोना के प्रति जागरूकता को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दिया जाए। यह बात मंगलवार को कोरोना जागरूकता संवाद में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पंचायत स्तर तक हुए संवाद के दौरान प्रमुखता से उभर कर आई। इस जागरूकता संवाद का रीजनल टीवी चैनल्स, सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स-फेसबुक, यूट्यूब के अलावा 8 हजार से ज्यादा ई-मित्र प्लस सेंटर्स तथा वेबकास्ट के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया। इस कार्यक्रम के लाईव प्रसारण से राज्य व देश के अन्य भागों से लाखों लोग जुडे़। राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य, सांसद, विधायक, राज्य के प्रशासन व पुलिस के अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ एवं चिकित्सक, ग्राम पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि व कार्मिक भी इस परिचर्चा का हिस्सा बने।
इस ओपन प्लेटफॉर्म जागरूकता संवाद में देश के विख्यात चिकित्सक मेदान्ता हॉस्पिटल, गुरूग्राम के एमडी डॉ. नरेश त्रेहान, आईएलबीएस, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. एस के सरीन, नारायणा हृदयालय, बैंगलोर के अध्यक्ष डॉ. देवी शेट्टी ने प्रभावी तरीके से पंचायत स्तर तक के लोगों को कोरोना बचाव के लिए उपयोगी जानकारी दी। जागरूकता संवाद के दौरान डॉ. एसके सरीन ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों, सरकारी एवं निजी संस्थानों, बैंक, बाजारों आदि में ‘नो मास्क-नो एन्ट्री‘ का नियम सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, तभी कोरोना संक्रमण रोकने के सरकार के प्रयास फलीभूत होंगे। हर व्यक्ति को समझना होगा कि स्वयं का बचाव ही कोरोना का उपचार है, तो हम इस जंग को जीतने में कामयाब हो जायेंगे। सभी मास्क पहनें और मास्क पहनने वाले को सम्मान की नजर से देखें।
विशेषज्ञ चिकित्सकों का मत था कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे चिकित्सक, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी आदि का सम्मान किया जाये। पॉजिटिव मरीजों को भी सम्मान के भाव से देखा जाये क्योंकि समय पर जांच करवाकर उन्होंने दूसरों को संक्रमित होने से बचाया है। डॉ. नरेश त्रेहान ने संवाद के दौरान कहा कि समाज के हर क्षेत्र के रोल मॉडल तथा सार्वजनिक जीवन में प्रभाव रखने वाले लोग मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना कर उदाहरण पेश करें। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान सरकार ने अब तक कोरोना से मुकाबले के लिए प्रभावी कार्य किया है। सरकार के प्रयासों के साथ ही कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए लोगों को एकजुट होकर सावधानियों का पालन हर हाल में सुनिश्चित करना होगा।
डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि कोरोना प्रबंधन में देश और दुनिया ने बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल भी राजस्थान ने ही दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना जल्दी ही खत्म होने वाला नहीं है, इससे लंबे समय तक मुकाबले के लिए लोगों को सावधानियों के प्रति उदासीनता या लापरवाही भारी पड़ सकती है। हर स्थिति में भीड़ से बचना होगा। उन्होंने कहा कि जांच व इलाज में देरी घातक सिद्ध हो सकती है।
संवाद के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हर जीवन को बचाना हमारा कर्तव्य है। राज्य सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर मार्च से अब तक 100 से ज्यादा वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा आमजन से चर्चा व प्रशासन के साथ समीक्षा की गई हैं। प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का आधारभूत ढांचा मजबूत किया गया है और टेस्टिंग क्षमता लगातार बढाई जा रही है। ऑक्सीजन बैड, आईसीयू बैड एवं वेन्टिलेटर्स की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। कोरोना से मृत्युदर को न्यूनतम स्तर पर बनाये रखने एवं रिकवरी रेट बढाने पर पूरा फोकस किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परिचर्चा में जो बातें कही गई हैं उनका आमजन पर प्रभाव पड़ेगा और हर व्यक्ति इस महामारी को लेकर विशेष सतर्कता बरतेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 22 जिलों में टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध है एवं शेष जिलों में टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशन में किये गये प्रबंधन की पूरे देश में सराहना हो रही है। चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई तभी सफल होगी जब प्रत्येक नागरिक जागरूक होकर स्वयं को इस महामारी से बचाये रखेगा। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक भी इस ओपन प्लेटफॉर्म परिचर्चा में शामिल हुए।