जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार को जमीन से मोह नहीं होना चाहिए और शिक्षा सहित अन्य सामाजिक कार्यों में उपयोग के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों को जमीन का समुचित आवंटन यथाशीघ्र करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठनों को भी चाहिए कि बालिका शिक्षा जैसे कार्यों में बढ़-चढ़कर योगदान करें। गहलोत रविवार को जाट समाज संस्थान की ओर से आयोजित ’समाज रत्न अवार्ड-2019’ तथा ’स्नेह मिलन एवं सर्वसमाज प्रतिभा सम्मान समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपनी सरकार के पहले कार्यकाल में भी उन्होंने विभिन्न समाजों को सस्ती दरों पर जमीन का आवंटन किया था। सरकार अब भी बालिकाओं की पढ़ाई जैसे कार्य के लिए किसी भी सामाजिक संगठन की ओर से जमीन आवंटन की मांग पर समुचित कार्रवाई करेगी। आवंटन होने के बाद संगठन को भामाशाहों के सहयोग से जमीन का इस्तेमाल सामाजिक कार्यों के लिए करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर की कि आज समाज में बालिकाओं के बारे में, उनकी पढ़ाई-लिखाई और बेहतर जीवन के बारे में, चिंतन शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हमें अपनी बहन-बेटियों को घूंघट की प्रथा से छुटकारा दिलाना चाहिए। किसी भी प्रगतिशील समाज में महिलाओं को घूंघट में कैद रखने की प्रथा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा और सत्ता में भागीदारी से ही महिलाओं के सशक्तीकरण के रास्ते खुलते हैं और देश तथा समाज तरक्की करता है।
गहलोत ने कहा कि पूूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं के आरक्षण के लिए संविधान संशोधन कर इस दिशा में बड़ा कदम उठाया था। आज हमें बालिकाओं को शिक्षा के अधिकाधिक अवसर देकर और घूंघट से निजात दिलाकर उन्हें खुली हवा में सांस लेने का मौका देना चाहिए। पुरूष प्रधान समाज में इस अभियान के लिए पुरूषों को आगे आना होगा।
गहलोत ने लोगों से अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर शुरू हो रहे ’निरोगी राजस्थान’ अभियान में बढ़-चढ़कर भागीदारी करें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए बीमारियों के कारण और बचाव के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। राज्य सरकार इसके लिए व्यापक जागरूकता अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान में भागीदारी निभाकर हम हर जरूरतमंद को सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिला सकते हैं।