अधिकतम सीमा 10 हजार रुपए तक सीमित होने पर केन्द्ग सरकार से मांगा जवाब
जयपुर। माता-पिता व वृद्धजनों का संरक्षण एवं देखभाल अधिनियम के तहत भरण पोषण की राशि कानूनन 10 हजार रुपए तक सीमित करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश अजय रस्तोगी और न्यायाधीश दीपक माहेश्वरी की खंडपीठ ने केन्द्ग सरकार से जवाब-तलब करते हुए याची 9० वर्षीय पर्सन्दी देवी के पुत्र वरिष्ठ वैज्ञानिक सुरेश कुमार को 8 फरवरी को व्यक्तिश: अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।
वृद्धा का याचिका में कहना था कि उसके पति की 1992 में मौत हुई थी। बेटे के सहयोग नहीं करने के कारण वह आर्थिक तंगी से जूझ रही बेटी के पास रहती है। एसडीएम कोर्ट ने भरण पोषण एक्ट की धारा 9 के तहत अधिकतम तय 1० हजार रुपए मासिक उसे देने के आदेश दिए हैं। जबकि वह कैंसर से पीडित है और 1० हजार रुपए में जीवन यापन नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में एक्ट की धारा 9 को रद्द किया जाए। उक्त संशोधन के लिए केन्द्ग सरकार में दो साल से एक्ट प्रस्तावित है।