जयपुर। इंडियन मेडिकल ट्रस्ट जयपुर की ओर से संचालित निम्स विश्वविद्यालय के बैंक खातों में से नियम विरुद्ध तरीके से करोड़ों रुपए की राशि खुर्द-बुर्द करने को लेकर मोतीडूंगरी थाना पुलिस में मामला दर्ज हुआ है। इंडियन मेडिकल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ.अनुराग तोमर ने अपने पिता डॉ.बीएस तोमर के खिलाफ यह मामला दर्ज करवाया है। मुकदमे में डॉ.अनुराग तोमर ने आरोप लगाया है कि उनके पिता बीएस तोमर ने ट्रस्ट और ट्रस्टियों की बिना सहमति और जानकारी दिए बिना आईसीआईसीआई बैंक निम्स विश्वविद्यालय शाखा में निम्स विश्वविद्यालय के नाम से दो खाते खुलवाए। इन खातों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता डॉ.बीएस तोमर बने। अनुराग तोमर का आरोप है कि ट्रस्ट में इन खातों की अनुमति नहीं ली और ना ही बताया गया। ये खाते निम्स विश्वविद्यालय का चांसलर बताते हुए खुलवाए गए हैं, जबकि उन्हें ना तो दुबारा चांसलर बनाया गया है और ना ही शिक्षा विभाग में इस तरह का प्रस्ताव दिया गया है। डॉ.बीेएस तोमर ने फर्जी दस्तावेज पेश करके बैंकों में खाते खुलवाए और फिर इन खातों के माध्यम से करोड़ों रुपए की राशि खुर्द-बुर्द करते हुए अपनी दूसरी कंपनियों में यह राशि खर्च कर दी, जो ट्रस्ट नियमों के खिलाफ है और आपराधिक कृत्य भी है। अनुराग तोमर ने आरोप लगाया कि बीएस तोमर ने न्यूज इंडिया चैनल से जुड़ी ओमेगा टीवी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को खरीदने, टीवी चैनल का सामान खरीदने और कर्मचारियों को सैलेरी देने में निम्स खातों से निकाली करोड़ों की राशि खर्च कर दी। इस कंपनी में बीएस तोमर और उनकी पुत्री जूही तोमर निदेशक है। 25 लाख रुपए कंपनी खरीदने में खर्च किए और चैनल कंपनी का सामान खरीदने में दो करोड़ रुपए लगा दिए। ये सवा दो करोड रुपए निम्स खातों में से निकाल कर लगा दिए हैं। इस कंपनी के कर्मचारियों की तनख्वाह भी निम्स खातों से दी जा रही है, जो एक आपराधिक कृत्य है। बलवीर सिंह तोमर की ओर भी कई कंपनियां है। इन कंपनियों में भी निम्स खातों से लाखों रुपए की राशि निकाली जा रही है। इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर बीएस तोमर पर कई मामले हैं। जिनमें वे गिरफ्तार भी चुके हैं। मुकदमे में बताया है कि बीएस तोमर को निम्स चेयरमैन पद से निलंबित भी किया जा चुका है, जिसके बारे में देवस्थान विभाग जयपुर ने भी आदेश दे रखे हैं। यह भी आरोप लगाया है कि बीएस तोमर द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से छात्रों को फर्जी डिग्रियां भी बांटी जा रही है। इस संबंध में पुलिस को जांच करना चाहिए। डॉ.बीएस तोमर ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके निम्स खातों में से खुद हस्ताक्षर करते हुए करोड़ों रुपए राशि निकालकर ट्रस्ट और निम्स विश्वविद्यालय से धोखाधड़ी की है। डॉ.अनुराग तोमर ने पुलिस से इस धोखाधड़ी को लेकर डॉ.बलवीर सिंह तोमर और उनके सहयोगियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने और निम्स खातों से गबन की गई करोड़ों रुपए की राशि वापस दिलवाने की मांग की है। अनुराग तोमर ने 28 मार्च 2017 को डीसीपी कुंवर राष्ट्रदीप को डॉ.बीएस तोमर द्वारा की गई धोखाधड़ी और गबन को लेकर एक परिवाद और संबंधित दस्तावेज दिए थे। डीसीपी राष्ट्रदीप ने ये दस्तावेज मोतीडूंगरी थाना पुलिस को जांच के लिए भेजे। जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने पर मोतीडूंगरी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। मामले में अनुसंधान एसआई जगदीश प्रसाद कर रहे हैं।
-चल रही है पारिवारिक कलह-मुकदमेंबाजी
निम्स विश्वविद्यालय और उसके ट्रस्ट पर स्वामित्व को लेकर डॉ.बीएस तोमर, डॉ.अनुराग तोमर व उनके पारिवारिक सदस्यों के बीच पारिवारिक कलह एवं मुकदमेंबाजी चल रही है। एक-दूसरे के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करवा रखे हैं। डॉ.बीएस तोमर ने बेटे अनुराग तोमर के खिलाफ भी हाल ही गबन का एक मामला अचरोल थाना पुलिस में दर्ज करवा रखा है। डॉ.बीएस तोमर के खिलाफ रांची की निम्स विश्वविद्यालय में पढऩे वाली एक छात्रा ने देह शोषण का आरोप लगाया था, जिसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। इसके अलावा कुछ दिनों पहले गोवा के एक होटल में भी बीएस तोमर का एक वीडियो खासा चर्चा में रहा था, जिसमें एक छात्रा के साथ उन्हें उनके परिजनों ने पकड़ लिया था। इस मामले में खासा विवाद हुआ था और गोवा पुलिस में शिकायत भी दर्ज हुई थी।