-पलटवार करते हुए सपा अध्यक्ष ने अपने भाई व अखिलेश के साथ खड़े रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर निकाला।
लखनऊ। मुलायम सिंह यादव के समाजवादी परिवार में कलह रुकने का नाम नहीं ले रही है। परिवार के सदस्य एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जड़ रहे हैं, वहीं एक-दूसरे पर जमकर राजनीतिक वार भी कर रहे हैं। रविवार को तो कलह और ज्यादा बढ़ गई। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वरिष्ठ मंत्री व अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत चार मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। इस घोषणा के कुछ देर बाद ही शिवपाल सिंह ने इसके लिए अपने भाई राम गोपाल यादव को पूरे विवाद की जड़ बताते हुए पार्टी से छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया। उन्होंने कहा कि राम गोपाल भाजपा के साथ मिलकर पार्टी को तोडऩे का काम कर रहे हैं। रविवार सुबह मंत्रियों और विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश ने अमर सिंह पर तीखा हमला करते हुए केबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह, ओम प्रकाश, शादाब फ ातिमा और नारद राय को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने के साथ अमर सिंह की करीबी जया प्रदा को भी फि ल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया। बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने राज्यपाल को सभी मंत्रियों की बर्खास्तगी के लिए पत्र भी भेज दिया। चारों मंत्रियों को बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल राम नाईक ने करीब एक बजे अधिसूचना भी जारी कर दी। इसके कुछ देर बाद राम गोपाल यादव को पार्टी से निकालने की घोषणा करते हुए सपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी के नेतृत्व में जनता के बीच जाएंगे और चुनाव जीतकर सपा की दोबारा सरकार बनाएंगे। उन्हें प्रवक्ता पद से भी निकाल दिया गया है। भाजपा से मिलकर पार्टी को तोडऩे और सरकार को कमजोर करने में लगे हुए हैं। वह गिरोह बनाकर काम कर रहे हैं। यह फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की सहमति से किया गया है।
– राम गोपाल के पत्र से मचा घमासान
पूरे घमासान की शुरूआत राम गोपाल यादव के सुबह लिखे गए पत्र से हुई। मुंबई में मौजूद राम गोपाल यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओ ंको संबोधित पत्र में कहा, पार्टी में कुछ लोग मध्यस्थता करते हैं। बयानबाजी करते हैं। वे चाहते हैं कि अखिलेश यादव हर हाल में हार जाएं। जहां अखिलेश हैं, विजय वहां है। इसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 11 बजे शुरू हुई बैठक में मुख्य रूप से अमर सिंह पर हमला बोला। बैठक करीब आधा घंटे चली। इसमें 230 में से 180 विधायक शामिल हुए। अखिलेश ने कहा, अमर सिंह असमाजिक तत्व हैं। उनके चलते ही पार्टी और परिवार में गड़बड़ी हो रही है। जो अमर सिंह के साथ रहेगा, उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा।
– भावुक होकर सीएम बोले, मैं ही नेताजी का असली उत्तराधिकारी
मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव उनके नेता हैं और रहेंगे। उनके पिता भी हैं। मैंने आज उन लोगों को पार्टी से निकाला है, जो पार्टी को तोडऩे की साजिश कर रहे हैं। पार्टी तोडऩे की बात निराधार है। कुछ लोग मुलायम सिंह और पार्टी के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। इसे मुलायम सिंह अभी समझ नहीं पा रहे हैं। मैं 3 नवंबर को रथ निकालूंगा और 5 नवंबर को जयंती समारोह कार्यक्रम में भी जाऊंगा। मैं ही नेताजी का असली उत्ताराधिकारी हूं। इतना कह मुख्यमंत्री भावुक हो गए। मुख्यमंत्री की ईमानदारी की बात कहते हुए कुछ विधायक बैठक में इतने भावुक हो गए कि रोने लगे। उधर, विधायकों और मंत्रियों के बाहर निकलते ही अमर सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी होने लगी। उनके पोस्टर फड़े और पुतला भी फूं का। उधर शिवपाल समेत चार मंत्रियों को बर्खास्त करने पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के घर पर बड़े सपा नेताओं का जमावड़ा लगने लगा। इस मुद्दे पर मुलायम सिंह यादव बड़े नेता व अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे। यह बैठक करीब दो घंटे चली।