चेन्नई। अंतरिक्ष अनुसंधान के लिहाज से बुधवार का दिन भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी लेकर आया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केन्द्र से एक एकल मिशन के तहत रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण कर इस क्षेत्र में इतिहास रच दिया। भारत विश्व में ऐसा पहला देश बन गया जब उसने इतने उपग्रहों को एक साथ और एक ही समय में प्रक्षेपित किया है। इन 104 उपग्रहों में भारत के 3 और विदेशों के 101 सैटेलाइट शामिल है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफल अभियान के लिए इसरो को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि यह क्षण पूरे देश के लिए गौरवमयी है। इसरो प्रमुख ए.एस. किरण कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों की सराहना की और कहा कि इस अहम उपलब्धि ने देश को गौरवान्वित किया है। पीएसएलवी-सी 37-काटरेसेट 2 श्रृंखला के सेटेलाइट मिशन के तहत उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए उलटी गिनती सुबह 5.28 बजे शुरू हुई। इसके लिए मिशन रेडीनेस रिव्यू कमेटी एंड लांच ऑथोराइजेशन बोर्ड ने प्रक्षेपण को स्वीकृति दी थी। पीएसएलवी-सी 37 ने अपने 39वें मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं से जुड़े रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया। प्रक्षेपण के कुछ ही समसय बाद पीएसएलवी-सी37 ने भारत के काटरेसैट-2 श्रृंखला के पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों सहित 103 नैनो उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। इससे पहले जून 2015 में भारतने एक साथ 23 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था। इस प्रक्षेपण में इसरो के वैज्ञानिकों ने एक्सएल वैरियंट का उपयोग किया जो एक सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इस रॉकेट का उपयोग देश के महत्वाकांक्षी चंद्रयान और मंगल मिशन में भी पहले किया जा चुका है। इनमें 96 उपग्रह अमेरिका के तथा पांच अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों इजरायल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात के हैं। इनके साथ भारत ने अपने दो अन्य सूक्ष्म उपग्रह भी भेजे हैं, जिनका वजन 1378 किग्रा. है। दोनों ही उपग्रह देश के नैनो-सेटेलाइट आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी को पीएसएलवी पर बड़े उपग्रहों का साथ देंगे।

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