छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र में सीआरपीएफ टीम पर घात लगाकर किए गए हमले में 25 जवानों की शहादत ने पूरे देश को हिला दिया है। शहीद परिवारों के साथ देशवासी खड़े हैं, लेकिन उनमें गुस्सा भी है कि हर बार नक्सली और आतंकी हमले होते हैं। सरकारें दुख जताती है। आतंकियों-नक्सलियों को रौंदने की बात कहती हैं, लेकिन कुछ दिन में ही मामला शांत हो जाता है। सरकारों के ठोस एक्शन नहीं लेने के चलते नक्सली आतंकी हमले बढ़ते जा रहे हैं। शहीद परिवारों का भी दर्द भी कुछ ऐसा ही है। वे कह रहे हैं कि नक्सली व आतंकी हमारे बेटों की जान ले रहे हैं। सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठी है। सुकमा नक्सली हमले में शहीद हुए बिहार के नरेश यादव, के.के.पांडेय के परिजनों का कहना है कि क्या हमारे बेटे यूं ही शहीद होते रहे हैं। इन हमलों को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है। एक-एक करके बेटे शहीद हो रहे हैं। लेकिन नक्सली व आतंकियों पर कार्रवाई नहीं हो रही। शहीद एएसआई नरेश की पत्नी राजबाला का आरोप है कि अगर हमलों को रोका नहीं गया तो एक दिन सभी जवान शहीद हो जाएंगे। राजस्थान के शहीद
एएसआई रामेश्वर लाल और हेड कांस्टेबल बन्नाराम के गांव और परिवार में भी मातम छाया हुआ है। लोगों में गुस्सा है कि सरकार के एक्शन नहीं लेने के कारण नक्सलियों के हौंसले इतने बुलंद है और वे हमले कर रहे हैं। हमारे बच्चे खो रहे हैं। बेटियां जवानी में सुहाग खो रही है और छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो रहे हैं। सभी शहीद जवान मध्यम वर्ग परिवार है। कुछ परिवार तो ऐसे हैं, जिनमें शहीद जवान ही कमाने वाला थे।

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