-15 हजार को मिलेगा रोजगार, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से 5 हजार करोड़ रुपये के ऋण के लिए सरकार देगी गारन्टी
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। केबिनेट ने प्रदेश के औद्योगिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण करीब 6 हजार करोड़ रूपए से अधिक के 13 निवेश प्रस्तावों का अनुमोदन किया। इनसे करीब 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही केबिनेट ने राजस्थान फसली ऋण माफी योजना, 2018 में शेष राशि ़की व्यवस्था के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, नई दिल्ली से 5 हजार करोड रूपए का ऋण प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार की गारंटी दिए जाने का निर्णय भी किया।
संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड ने बताया कि मुख्यमंत्री राजे द्वारा घोषित कृषक ऋण माफी योजना के तहत अब तक प्रदेशभर में 4361 ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरण शिविरों का आयोजन कर 16 लाख 56 हजार किसानों को प्रमाण पत्र दिए जा चुके हैं। सहकारी संस्थाओं ने 5 हजार 77 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ कर दिए हैं। इस योजना के तहत सभी 29 लाख 21 हजार लाभार्थी किसानों को ऋण माफी प्रमाण पत्र 15 अगस्त तक जारी कर दिए जाएंगे।
-13 निवेश प्रस्तावों को कस्टमाइज्ड पैकेज
राठौड ने बताया कि केबिनेट ने 13 निवेश प्रस्तावों को कस्टमाइज्ड पैकेज देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। उन्होंने बताया कि श्री वल्लभ पित्ती ग्रुप को झालावाड़ के अकलेरा में 2000 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने वाली और 2 हजार करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किए जाने वाली 5 टैक्सटाइल इकाइयों के लिए कस्टमाइज पैकेज का अनुमोदन किया है। इसके अलावा बांगड़ गु्रप की इकाई श्री सीमेन्ट को 1 हजार 13 करोड़ से पाली के जैतारण में सीमेन्ट प्लांट तथा गंगानगर के उदयपुर-उदासर में सीमेन्ट ग्राइंडिंग यूनिट के लिए, वण्डर सीमेंट लि. के निम्बाहेड़ा में 800 करोड़ रुपये के निवेश से प्रोजेक्ट विस्तार के लिए, कार्या केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजर्स द्वारा बारां में 367 करोड़ रुपये से डिस्टलरी और लिकर बाॅटलिंग प्लांट, बड्वे गु्रप द्वारा अलवर में 433 करोड़ रुपये के निवेश से आॅटो कम्पोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स, एक्सप्रेस डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रा. लि. को बांसवाड़ा जिले में 342 करोड़ के निवेश से अनाज आधारित डिस्टलरी प्लांट लगाने के लिए कस्टमाइज्ड पैकेज देने का निर्णय किया गया। अक्षय इन्फ्रासिस इंडस्ट्रीस को जयपुर में 246 करोड़ के निवेश से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने, सीआरएम सर्विस इंडिया लि. को जयपुर में 140 करोड़ के निवेश से अंतर्राष्ट्रीय बीपीओ सेंटर लगाने, कंचन इंडिया लि. को भीलवाड़ा में 201 करोड़ रुपये के निवेश से टैक्स टाइल्स यूनिट लगाने, प्रिंस पाइप्स एण्ड फिटिंग्स को आसलपुर में 140 करोड़ के निवेश से पीवीसी पाइप के निर्माण की यूनिट लगाने, चैधरी ब्रदर्स ऐग्री एक्सपोटर््स को गंगानगर में 175 करोड़ रुपये से ग्वारगम पाउडर की इकाई लगाने, जोगनिया एक्सप्लोसिव्स प्रा. लि. को भीलवाड़ा जिले में 60 करोड़ के निवेश से इण्डस्ट्रीयल एक्सप्लोसिव्स की विनिर्माण इकाई स्थापित करने, जिप्सकार्टन इंडिया प्रा. लि. को अलवर के घिलोट में 104 करोड़ के निवेश से जिप्सम बोर्ड एवं प्लास्टर बोर्ड इकाई लगाने के लिए भी कस्टमाइज्ड पैकेज मंजूर किए गए। इन पैकेज के तहत इन कम्पनियों को स्टाम्प ड्यूटी, विद्युत कर में छूट और रोजगार सृजन तथा निवेश करने पर अनुदान की सुविधाएं देय होंगी।
– अधीनस्थ न्यायालयों के कर्मियों के लिए राजस्थान सिविल सेवा नियमों में संशोधन
केबिनेट ने शेट्टी आयोग की सिफारिशों की अनुपालना में अधीनस्थ न्यायालयों के मंत्रालयिक कर्मचारियों के राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2018 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके तहत दिनांक 1 सितम्बर 2006 से 31 दिसम्बर 2006 तक का एरियर नोशनल और 1 जनवरी, 2007 से दिए जाने, वेतन पुनर्निर्धारण 1 जनवरी, 2006 से राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2008 के नियम 27 के अनुसार किए जाने और नियम 28 के अन्तर्गत 1 जुलाई, 2013 से पुनः वेतन निर्धारण के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
-तीन संतान होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रावधान को हटाया
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि केबिनेट ने राजस्थान सिविल सेवा (पंेशन) नियम-1996 की धारा 53 (ए) के अन्तर्गत अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रावधान को विलोपित करने का निर्णय लिया। इस धारा के अन्तर्गत 1 जून, 2002 के बाद तीन संतान होने पर राज्य कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रावधान था। किन्तु यह कार्यवाही राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम-1971 की धारा 25 (सी) के साथ ही की जा सकती थी। जिसे राज्य सरकार ने पहले ही 11 जून, 2016 को विलोपित कर दिया था।
-विभिन्न संस्थाओं, विभागों एवं कार्यालयों को भूमि आवंटन
राठौड़ ने बताया कि मंत्रिमंडल ने खंडेलवाल वैश्व सेवा समिति, विद्याधर नगर को सामुदायिक केन्द्र निर्माण के लिए जयपुर के विद्याधर नगर में संस्थानिक आरक्षित दर के 50 प्रतिशत पर 1 हजार 629 वर्गमीटर भूमि आवंटित करने का निर्णय किया। इसके साथ ही अखिल भारतीय रबारी (रायका) समाज सेवा संस्थान को जयपुर में छात्रावास निर्माण के लिए जेडीए की आवासीय योजना निलय कुंज में 2 हजार वर्गमीटर भूमि तथा सेवा भारती, कोटा को श्रीनाथपुरम योजना में 2076 वर्गमीटर भूमि आरक्षित दर के पांच प्रतिशत पर आवंटित करने का निर्णय किया गया। डिप्टी सेंट्रल इंटेलीजंेस आईबी के कार्यालय एवं आवासों के लिए भरतपुर में 2349.45 वर्गमीटर भूमि वर्तमान आरक्षित दर तथा नियमानुसार लीज और अन्य देय राशि पर आवंटित करने, भारत सरकार के सहायक आसूचना ब्यूरो की एसआईबी यूनिट को सवाई माधोपुर में कार्यालय एवं आवासीय परिसर के लिए 2 हजार वर्गमीटर भूमि आरक्षित दर के साथ 15 प्रतिशत की दर पर आवंटित करने का निर्णय किया। केबिनेट ने राजस्थान अधीनस्थ मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड, एनर्जी एफिशियेंसी सर्विसेज लि. भारत सरकार तथा सहायक आसूचना ब्यूरो, गृह मंत्रालय भारत सरकार को पूर्व में झालाना संस्थानिक क्षेत्र में आवंटित भूमि का आवंटन निरस्त कर उन्हें जयपुर मेट्रो को आवंटित भूमि में से भूमि आवंटित करने का निर्णय किया है। इसके साथ ही जयपुर मेट्रो को अन्य स्थान पर भूमि दी जा सकेगी।
केबिनेट ने युद्ध एवं मिशन में वीरगति को प्राप्त हुए भारतीय सेना के 8 जवानों के आश्रितों को आवासन मंडल की जयपुर स्थित आवासीय योजनाओं में एमआईजी (बी) श्रेणी के एक-एक आवास निशुल्क आवंटित करने का निर्णय किया। निर्णय के तहत शहीद श्री गजेन्द्र कौशिक, श्री रामनिवास मीणा, श्री ओमप्रकाश, श्री बाबूलाल मीणा, श्री हनुमंत सिंह, श्री हेमराज शर्मा, श्री राहुल सिंह तथा श्री खींवसिंह के आश्रितों को आवास आवंटित किए जाएंगे।
राठौड ने जानकारी दी कि केबिनेट ने संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम, 1998 के अनुच्छेद 11 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। जिसके तहत यूजीसी रेगुलेशन-2013 की अनुपालना में कुलपति की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में किसी यूनिवर्सिटी सिस्टम या रिसर्च आॅर्गेनाइजेशन में कम से कम दस वर्ष का अकादमिक अनुभव जरूरी होगा। साथ ही कुलपति की नियुक्ति के लिए एक सर्च कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें कुलाधिपति, यूजीसी चैयरमेन, राज्य सरकार और विश्वविद्यालय की कार्य परिषद् से एक-एक सदस्य मनोनीत किए जाएंगे।
केबिनेट ने राजकीय महाविद्यालय, बिलाड़ा जिला जोधपुर का नाम डाॅ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय, बिलाड़ा करने, राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 में संशोधन कर नर्सिंग अधीक्षक-प्रथम एवं नर्सिंग अधीक्षक-द्वितीय को मर्ज करते हुए नर्सिंग अधीक्षक का एक ही पद करने के लिए नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद रिक्त पदों को पदोन्नति से भरा जा सकेगा।