जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई। इसमें प्रदेश के युवाओं को एडवांस टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग दिलवाने, भूतपूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के नाम से भरतपुर के चिकित्सा महाविद्यालय और विद्यालय का नामकरण करने, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, कृषि मण्डियों को सुदृढ़ करने, राज्य सेवा कर्मचारियों के लिए जीपीएफ कटौती लागू करने, नेत्र सहायक संवर्ग में पदोन्नति के अवसर बढ़ाने एवं प्रदेश में मेडि-टूरिज्म को बढ़ावा देने सहित कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
युवाओं को मिलेगी एडवांस टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग
आर-केट के रूप में फिनिशिंग स्कूल की होगी स्थापना
मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलोजी (R-CAT) संस्थान को सोसाइटी के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया है। साथ ही सोसाइटी के बायलॉज का भी अनुमोदन किया। यह सेंटर प्रदेश के युवाओं के लिए फिनिशिंग स्कूल के रूप में स्थापित होगा।
इससे प्रदेश में युवाओं को नवीनतम आईटी टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लनिर्ंग, रोबोटिक्स एवं वर्चुअल रियलिटी में सर्टिफिकेट कोर्सेज करने व मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च के अवसर मिलेंगे। इसी उद्देश्य से बजट सत्र 2021-22 में R-CAT स्थापित करने की घोषणा की गई थी।
इस निर्णय से अब संस्थान में आईटी की अग्रणी फमोर्ं के साथ प्रशिक्षण सहभागी के तौर पर समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) कर प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू होगी। इससे राज्य के तकनीकी स्नातक नवीनतम प्रोद्यौगिकी में कोर्स कर सकेंगे। इससे आईटी इंडस्ट्री में उनकी मांग बढ़ेगी। साथ ही राजस्थान में भी तकनीकी विशेषज्ञों की स्थिति और मजबूत होगी।
भूतपूर्व मुख्यमंत्री पहाड़िया के नाम पर मेडिकल कॉलेज एवं स्कूल
भरतपुर के भुसावर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का नामकरण जगन्नाथ पहाड़िया के नाम से करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल स्थानीय जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए भरतपुर चिकित्सा महाविद्यालय का नामकरण भी स्वर्गीय पहाड़िया के नाम से करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि पहाड़िया राजस्थान के भूतपूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार व हरियाणा के भूतपूर्व राज्यपाल रहे हैं।
कृषि मण्डियों को सुदृढ़ करने के लिए अहम फैसला
मंत्रिमंडल ने प्रदेश में कृषि मण्डियों के सुदृढ़ीकरण के लिए अहम फैसला लिया है। इसमें राजस्थान कृषि उपज मण्डी अधिनियम-1961 की धारा 17 एवं धारा 17-ए के वर्तमान प्रावधान ‘मण्डी प्रांगण की चारदीवारी‘ के स्थान पर ‘मण्डी क्षेत्र‘ के प्रावधान के लिए मण्डी अधिनियम में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया है।
इससे मण्डी क्षेत्र में कार्यरत औद्योगिक इकाईयों एवं व्यापारिक फर्मों द्वारा कृषकों से क्रय की जा रही विज्ञप्त कृषि जिन्सों के व्यवसाय पर मण्डी अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। कृषक हितार्थ मण्डी क्षेत्र में नियमन व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू की जाएगी। इससे मण्डी प्रांगण व उसके बाहर के मण्डी क्षेत्र में भी किए जा रहे व्यवसाय पर भी मण्डी शुल्क एवं कृषक कल्याण फीस की वसूली प्रभावी हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मण्डी समितियों द्वारा संग्रहित मण्डी शुल्क का व्यय मण्डी प्रांगणों के संचालन, रख-रखाव, नवीन विकास कायोर्ं एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर किया जाता है। कृषक कल्याण फीस का व्यय किसान कल्याण कोष में उल्लेखित प्रयोजनों के लिये किया जाता है।
जैसलमेर में 1000 मेगावाट सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए भूमि का आवंटन
मंत्रिमंडल में जैसलमेर जिले के ग्राम बांधा में 9479.15 बीघा (2397.54 हैक्टेयर) राजकीय भूमि मैसर्स अडानी रिन्यूवेबल एनर्जी होल्डिंग फॉर लिमिटेड को 1000 मेगावाट सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए कीमतन आवंटन करने का निर्णय लिया गया है। यह आवंटन राजस्थान भू-राजस्व (नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोतों पर आधारित शक्ति संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन) नियम-2007 के तहत होगा।
प्रदेश में सौर ऊर्जा पर आधारित उत्पादन ईकाई की स्थापना से विद्युत ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही स्थानीय रोजगार के अवसरों और राज्य की राजस्व अर्जन में भी बढ़ोतरी होगी। उल्लेखनीय है कि करीब 13 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित कर राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है। वहीं, सौर ऊर्जा नीति 2019 के अंतर्गत वर्ष 2024-25 तक 30 हजार मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए वर्तमान सरकार द्वारा सौर एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए करीब 16 हजार हैक्टेयर भूमि मंत्रिमंडल के अनुमोदन से आवंटित की जा चुकी है।
राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम, 2021 में संशोधन
मंत्रिमंडल ने ‘राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम, 2021‘ में संशोधन करने का निर्णय लिया। इस प्रस्ताव की क्रियान्विति के क्रम में दिनांक 01-01-2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त राज्य कर्मचारियों पर राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम, 2021 के प्रावधान लागू होंगे। ये कार्मिक निर्धारित जीपीएफ अभिदान की कटौती कराते हुए जीपीएफ के प्रावधानों के अंतर्गत दिनांक 01-01-2004 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों के समान ही जीपीएफ की परिधि में आ जाएंगे।