जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। बैठक में कहा गया कि आमजन की आकांक्षाओं को पूरा करने तथा प्रदेश के चहुंमुखी विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बीते करीब तीन साल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं एवं कार्यक्रम लागू किए गए हैं। साथ ही कई जनकल्याणकारी घोषणाएं भी की गई हैं। कोरोना की विषम परिस्थितियों में भी सरकार ने जनता को राहत देने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जमीनी स्तर तक सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों एवं नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर प्रदेश में सुशासन को और अधिक गति दी जाए।
बैठक में निर्णय किया गया कि मंत्रीगण सप्ताह के प्रथम तीन दिवस-सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार को जयपुर मुख्यालय पर ही रहकर जनअभाव अभियोग के निराकरण के साथ ही विभागीय योजनाओं की नियमित समीक्षा करेंगे। सभी प्रभारी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में प्रत्येक माह कम से कम 2 दिन का दौरा करना होगा। इस दौरान वे जनसुनवाई करेंगे और जनप्रतिनिधियों के साथ जिले की समस्याओं, राज्य सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे और जिला प्रशासन के साथ इन पर समीक्षा करेंगे। मंत्री जिलों के दौरों में प्रशासन गांवों के संग एवं प्रशासन शहरों के संग अभियान, 20 सूत्री कार्यक्रम, राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं, जन-घोषणा पत्र तथा बजट घोषणाओं एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा की गई घोषणाओं की प्रभावी मॉनीटरिंग करेंगे।
मंत्रिपरिषद ने आगामी 17 दिसम्बर को राज्य सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विभिन्न परियोजनाओं एवं विकास कार्यों के प्रस्तावित लोकार्पण एवं शिलान्यास पर भी विस्तृत चर्चा की। यह निर्णय किया गया कि सभी मंत्री इस दौरान जिलों में जाएंगे और सफलता के साथ इस कार्य को सम्पादित कराएंगे। इन तीन वर्षाें में राज्य सरकार ने महिलाओं, युवाओं, आदिवासियों, एससी, एसटी, पिछड़े, अल्पसंख्यक सहित तमाम जरूरतमंद वर्गाें की विकास में भागीदारी बढ़ाने के लिए अनेक निर्णय किए हैं। आमजन को इन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी होना आवश्यक है।
मंत्रिपरिषद ने निर्णय किया कि प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए आगामी वर्ष की पहली तारीख से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान प्रारंभ किया जाएगा। जमीनी स्तर तक इस अभियान की सफलता सुनिश्चित की जाएगी, ताकि आमजन को मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचाया जा सके। इसके लिए सम्बन्धित विभागों द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाए।
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार निवेश के प्रवाह को बढ़ाने एवं प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए आगामी 24 एवं 25 जनवरी को इन्वेस्ट राजस्थान सम्मेलन के रूप में एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को कोविड के विपरीत प्रभाव से बाहर निकलने तथा आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में इस आयोजन से बड़ी मदद मिलेगी। देश में राजस्थान ऎसा पहला राज्य है जहां कोविड से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इस तरह के निवेश सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। समिट की सफलता के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए गए कि वे इस सम्मेलन में प्राप्त होने वाले निवेश प्रस्तावों को पूर्ण समन्वय एवं समयबद्धता के साथ पूर्ण करें।
मंत्रिपरिषद ने जोर दिया कि कोविड महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सतर्कता तथा कोविड अनुशासन की निरन्तर पालना करना जरूरी है। विगत दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में कुछ वृद्धि हुई है। विद्यालयों में भी कोविड संक्रमण के मामले आए हैं। जिस पर राज्य सरकार चिंतित है और प्रदेश में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगातार मजबूत किया जा रहा है।

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