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जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा.ॅ अरूण चतुर्वेदी ने कहा है कि राज्य सरकार गुर्जरों से हुए समझौते के तहत अब तक देवनारायण योजना में 1000 करोड रूपये से ज्यादा व्यय कर चुकी है। इसके अलावा राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अति पिछड़ा वर्ग (एम.बी.सी) को 50फीसदी आरक्षण सीमा में एक फीसदी आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। अम्बेडकर भवन में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ हुई बातचीत का पत्रकार वार्ता में ब्यौरा देते हुये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई है। इस बातचीत में पिछडा वर्ग को एक फीसदी आरक्षण देने के लिये कार्मिक विभाग ने स्पष्ट आदेश निकाल दिया है।

जिससे अति पिछडा वर्ग के अभ्यथ्रियों को इस आदेश के तहत सामान्य पिछडा वर्ग और अति पिछडा वर्ग में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि 1252 नियुक्तियों को लेकर भी राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया है इन नियुक्तियों में अति पिछडा वर्ग को एक फीसदी आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। विभिन्न विभागों में अटकी 102 नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार देने का आदेश दिया गया है। चतुर्वेदी ने कहा कि इसके अलावा देवनारायण योजना के तहत 249 करोड रूपये की स्वीकृतियां जारी कर 10 आवासीय विद्यालयों के लिए आदेश निकाले जा चुके है एवं स्थानों का चयन किया जा रहा है।

उन्होने कहा कि इसके अलावा गुर्जर आरक्षण आंदोलन के तहत जिन गुर्जर व्यक्तियों पर मुकदमे दर्ज हुए थे, उन्हे भी कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस लिया जा रहा है। चतुर्वेदी ने बताया कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई है। गुर्जर समुदाय राजस्थान सरकार की तरफ से समझौते को लागू करने के प्रयासों से संतुष्ट है। सरकार का हमेशा प्रयास रहा है कि गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण मिले। इस अवसर पर राजस्थान वित्त आयोग की अध्यक्ष ज्योति किरण एवं विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा उपस्थित थे।

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