जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि राज्य सरकार शिक्षक और शिक्षा के हितों के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की समस्याओं का विधिसम्मत, नियमानुसार समयबद्ध समाधान किया जाएगा । उन्होंने अधिकारियों को शिक्षक संघों की मांगो का त्वरित परीक्षण करवा कर यथोचित समाधान के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्नति की कार्यवाही इसी माह से प्रारम्भ कर दी गई है। रिक्त पद भी प्राथमिकता से भरे जा रहे है। राज्य सरकार शारीरिक शिक्षकों के ग्रेड तृतीय के 4500 पदों पर भर्ती की भी कार्यवाही कर रही है। शीघ्र इस संबंध में विज्ञापन जारी कर पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही की जाएगी।
देवनानी गुरूवार को यहां शासन सचिवालय में विभिन्न शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गुरुवार को पूरे दिन सचिवालय में पृथक पृथक राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय, शिक्षक संघ सियाराम, राज. शिक्षा सेवा परिषद, राज. शिक्षा सेवा परिषद -प्रधानाचार्य, राज. शिक्षक सेवा प्रधानाचार्य संघ -रेसला, राज. प्रधानाचार्य संघर्ष समिति, राज. पुस्तकालय सेवा परिषद, राज. शारीरिक शिक्षक संघ, प्राथमिक माद्यमिक शिक्षक संघ आदि के प्रतिनिधियों से संवाद कर उनकी मांगों को सुना।
उन्होंने शिक्षक संगठनों द्वारा केन्द्र के समान वेतनमान, पेंशन तथा छठे वेतन आयोग की रही विसंगतियों को दूर कर सातवें वेतन आयोग को लागू किए जाने संबंधित मांगों को सुना तथा कहा कि इस संबंध में वित्त विभाग को प्रकरण भिजवाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद जिन विद्यालयों में छात्र-छात्रओं की संख्या बढ़ी हैं, वहां पर स्टाफिंग पैटर्न के तहत पदों की समीक्षा की जा रही है। रिक्त पदों को भरे जाने के लिए अभ्यर्थना राजस्थान लोक सेवा आयोग को भिजवा दी गयी है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने शिक्षक संघों को शैक्षिक गुणवत्ता के लिए किए जा रहे प्रयासों में सहभागी बनने का भी आव्हान किया। उन्होंने कहा कि राज्य के विद्यालयों में पुस्तकालय गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। विद्यालयों में ई-लाइब्रेरी के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। पुस्तकालय ग्रेड दिव्तीय और तृतीय पदों की पदोन्नति के संबंध में भी उन्होंने शीघ्र कार्यवाही करने की बात कही। उन्होंने शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों से राज्य के विद्यालयों को देशभर में अग्रणी किये जाने, नामाँकन वृद्धि और अध्ययनरत बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने विद्यालयों को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में देश में रोल मॉडल बनाये जाने पर जोर दिया।