जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, मुंबई के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत ट्रिब्यूनल ने उदयपुर की बहुमंजिला इमारत रॉयल राजविलास को अटैच करने के आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही अदालत ने मामले में उदयपुर एंटरटेनमेंट प्रा.लि. सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश ईडी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। चिका में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि भरत बम्ब के खिलाफ सिंडिकैट बैंक के करीब एक हजार करोड रुपए गबन का आरोप है। इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। बम्ब व उसके सहयोगियों ने इस धनराशि से अचल संपत्तियां खरीदते हुए रॉयल राजविलास का भी निर्माण किया। इस पर ईडी ने इस इमारत को भी अटैच कर लिया। वहीं कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, मुंबई के समक्ष याचिका दायर कर उदयपुर एंटरटेनमेंट प्रा.लि. को दिवालिया घोषित करने की गुहार की। इस याचिका में तथ्यों को छिपाया गया और ईडी को भी पक्षकार नहीं बनाया। इस पर सुनवाई करते हुए कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने ईडी की ओर से रॉयल राजविलास को अटैच करने की कार्रवाई को निरस्त कर दिया। जबकि कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल को यह आदेश देने का क्षेत्राधिकार ही नहीं था। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।