जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीना ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि मिलावट को रोकने के लिए बड़े मिलावटखोरों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मीना शून्यकाल में विधायक गुलाबचंद कटारिया द्वारा इस सम्बन्ध में लाये गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। मीना ने बताया कि सरकार ने मिलावटखोरों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के लिए एक निदेशालय का गठन किया है और अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है। उन्होंने बताया कि निदेशालय में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को भी लगाया गया है जिन्होंने कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मिलावट को रोकने के लिए एक जनवरी से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा अनुरूप हर जिले में प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएगी। मीना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 50 खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद वर्ष 2021 में बढ़ाये थे। इस बार भी विषय की गंभीरता देखते हुए मुख्यमंत्री ने बजट में 200 खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद बढ़ाये है।
मीना ने बताया राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिये समय-समय पर विशेष अभियान, जैसे होली, दीपावली रक्षाबंधन, इत्यादि पर संचालित किया जा रहा है। शुद्ध के लिये युद्ध अभियान एक जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक चलाया गया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जनवरी 2019 से जनवरी, 2022 तक 22 हजार 783 नमूने लिये गये, जिनमें से कुल 4 हजार 631 नमूने मिलावटी पाये गये। उन्होंने बताया कि उक्त मिलावटी प्रकरणों में से 2 हजार 733 प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया है। न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरणों में से 935 प्रकरणों को निर्णित कर 1 करोड़ 82 लाख 91 हजार 995 रुपये से दण्डित किया है।
उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2022 से 10 मार्च 2022 तक शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के अन्तर्गत राज्य में कुल 4 हजार 982 खाद्य पदार्थों के जाँच नमूने लिये गये है। जिनमें से 4935 नमूने जाँच हेतु जनस्वास्थ्य प्रयोगशालाओं में भेजे गये है। इन नमूनों में से 3,766 नमूनों की जांच की जा चुकी है। जाँच किये गये नमूनों में से 1,088 नमूने अमानक पाये गये। मिलावटखोरों के विरुद्ध त्वरित कानूनी कार्यवाही हेतु पृथक से फास्टट्रेक कोर्ट स्थापित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।