जयपुर। राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने आज अजमेर रोड़ स्थित कृष्णा काॅलोनी जाकर पीटीआई से परेषान होकर आत्महत्या करने वाले छात्र नितांत के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी तथा घटना के संदर्भ मंे पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद पुलिस अधिकारियों से बात कर बयान जारी करते हुये कहा कि सेन्ट जेवियर स्कूल, नेवटा की 9वी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र नितांतराज लाटा (14 वर्षीय) उर्फ नीषू द्वारा स्कूल के पीटीआई जियो द्वारा लगातार प्रताड़ित किये जाने के बाद आत्महत्या करने की खबर पढ़कर पूरे जयपुर का हर नागरिक सहम गया है। सभी लोग दुःखी और परेषान है, सबके सामने एक ही सवाल खडा है-यदि इतने कोमल बचपन को स्कूल के पीटीआई द्वारा गलत ढंग से प्रताड़ित करके आत्महत्या के लिये मजबूर कर दिया जाये तो इससे बड़ा पाप कुछ नहीं हो सकता।
खाचरियावास ने कहा कि अखबार में आई खबर से लोगों की आंखे भर आई हैं, ऐसे में सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि दोषी पीटीआई के विरूद्ध कार्यवाही करके इस तरह के सख्त नियम बनाये, जिससे बच्चांे को डराकर, धमकाकर या प्रताड़ित करके कोई भी उन्हें डराकर आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिये मजबूर ना कर सके। खाचरियावास ने कहा कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को षिक्षकों और परिवार से प्यार और हमदर्दी की उम्मीद होती है। ऐसे में यदि कोई टीचर उसे लगातार सब बच्चांे के सामने अपमानित करे तो बच्चों का मन टूट जाता है और वो कई बार ऐसा कदम उठा जाता है जो उसके परिवार और पूरे समाज को तोड़कर रख देता है। एक स्कूल के बच्चे नितांत की मौत से राज्य सरकार, पुलिस और स्कूल प्रषासन को सबक लेना होगा और इस मामले में सख्त कदम उठाकर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करने के साथ स्कूलों को सरकार की ओर से सख्त हिदायत दिये जाने की जरूरत है कि स्कूल प्रषासन बच्चों के साथ पूरे पारिवारिक माहौल में प्यार और प्रेम के साथ व्यवहार करे, जिससे बच्चों के मन से डर, भय और अपमान की भावना निकल सके और बच्चों को डराने-धमकाने की बजाए स्कूल प्रषासन पहले उनके अभिभावकों से बात करें, क्योंकि कई बार बहुत स्कूलों में ऐसा होता है जब बेवजह कुछ बच्चों को टारगेट कर लिया जाता है जिससे उन बच्चों का मन दुखी हो जाता है और ऐसे में वे आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। नितांत की मौत से सबक लेकर सरकार इस मामले में दोषी पीटीआई के विरूद्ध कार्यवाही करके इस तरह की घटनाआंे को रोकने के लिये कदम उठाये और हम अपील करते हैं, यदि किसी के भी बच्चे को बेवजह परेषान किया जा रहा है तो वे पुलिस में ऐसे लोगों के खिलाफ षिकायत दर्ज करायें और बच्चें को विष्वास में लेकर उसके मन से डर निकाले, जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। खाचरियावास ने कहा कि बच्चों का मन बहुत चंचल होता है, वो सभी से प्यार और स्नेह की उम्मीद करता है, बच्चें स्वाभिमानी होते हैं,
ऐसे में बच्चों को डरा-धमकाकर और प्रताड़ित करके काम कराने का किसी को अधिकार नहीं है। दुनिया के अनेक देषों में बच्चों की सुरक्षा के लिये बड़े सख्त कानून बने हुये हैं, हमें भी उन देषों के सख्त कानूनों को अपनाना चाहिये, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिष्चित की जा सके। खाचरियावास ने इस संदर्भ में पुलिस अधिकारियों से बात करके सारे मामले की जानकारी प्राप्त की है और पुलिस से कहा है कि वो इस मामले में सख्त कार्यवाही करे, जिससे यह कार्यवाही एक मिसाल बन सके और भविष्य में कोई भी बच्चों को डराकर उन्हें आत्महत्या करने को मजबूर ना कर सके।