लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेराई सत्र 2017-18 के लिए गन्ने की अगैती और सामान्य प्रजातियों के राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) में 10-10 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार के इस कदम को किसानों के साथ धोखा करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने आज यहां बताया कि सरकार ने कल राज्य की सभी सहकारी, निगम एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों के लिए गन्ना खरीद से संबंधित एसएपी को निर्धारित करने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि गन्ने की अगैती प्रजातियों के लिए गत वर्ष के 315 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य को बढ़ाकर 325 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार सामान्य प्रजाति के लिए गत वर्ष के 305 रुपये को बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य तय किया है। राणा ने बताया कि अनुपयुक्त प्रजाति के लिए गन्ना मूल्य गत वर्ष 300 रुपये से बढ़ाकर 310 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। चीनी मिलें पेराई सत्र 2017-18 के लिये गन्ना मूल्य का भुगतान एक किस्त में करेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि पेराई सत्र 2017-18 के लिए चीनी मिलों के बाह्य क्रय केन्द्र से गन्ने का परिवहन मिल गेट तक कराए जाने में होने वाली ढुलाई कटौती की दर केन्द्र सरकार की पिछली 27 सितंबर की अधिसूचना के अनुरूप होगी और इसमें लगभग 50 प्रतिशत की राहत दी गयी है।
राणा ने बताया कि सरकार के इस निर्णय से गन्ना किसानों को लगभग 1,060 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी। इस बीच, समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने पेराई सत्र 2017-18 के लिए गन्ना खरीद के राज्य परामर्शित मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी करके किसानों के साथ अन्याय और धोखा किया है। इससे पूर्व यह सरकार कर्जमाफी के मामले में भी किसानों के साथ विश्वासघात कर चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार ने गन्ना किसानों को एकमुश्त 40 रुपये प्रति क्विंटल की मूल्यवृद्धि दी थी। गन्ना किसानों के बकाये की अदायगी में भी समाजवादी सरकार ने चीनी मिलों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। भाजपा ने गन्ना किसानों को अपने निर्णय से और ज्यादा परेशानी में डाल दिया हैं। इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने कहा कि भाजपा ने राज्य में सरकार बनाने के पूर्व बड़े जोर-शोर से गन्ना मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल किये जाने का वादा किया था। अब प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने के बाद मात्र 10 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य बढ़ाकर किसानों के साथ जबर्दस्त छलावा किया है।